इमरान सरकार ने किया इंकार! मुशर्रफ के इस केस के बारे में मांगी थी जानकारी

पाकिस्तानी नागरिक मुख्तार अहमद अली ने आमतौर पर आरटीआई कानून के रूप से चर्चित सूचना का अधिकार अधिनियम 2017 के तहत इस बाबत विवरण मांगा था। साथ ही वह यह जानना चाहता था कि जनता जो टैक्स भरती है, उसका इस्तेमाल किस विवेकपूर्ण ढंग से मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

SK Gautam
Published on: 1 Dec 2019 11:45 AM GMT
इमरान सरकार ने किया इंकार! मुशर्रफ के इस केस के बारे में मांगी थी जानकारी
X

इस्लामाबाद: पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के खिलाफ पाकिस्तान में राजद्रोह के आरोप में चल रहे मुकदमें को चलाने के लिए अनुबंधित की गई लीगल टीम के विवरण की मांग करने वाले एक आवेदन को खारिज कर दिया।

आवेदक के इस मांग को खारिज करते हुए कानून मंत्रालय ने शुक्रवार को मुशर्रफ से जुड़े ब्योरे को गोपनीय बताते हुए जानकारी देने से इंकार कर दिया और आवेदक की फीस वापस कर दी।

ये भी देखें : जानें क्यों मनाई जाती है विवाह पंचमी, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

जनता जो टैक्स भरती है, उसका इस्तेमाल कैसे होता है

पाकिस्तानी नागरिक मुख्तार अहमद अली ने आमतौर पर आरटीआई कानून के रूप से चर्चित सूचना का अधिकार अधिनियम 2017 के तहत इस बाबत विवरण मांगा था। साथ ही वह यह जानना चाहता था कि जनता जो टैक्स भरती है, उसका इस्तेमाल किस विवेकपूर्ण ढंग से मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

आवेदक अली के हवाले से बताया कि मंत्रालय ने उन्हें इस प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के अयोग्य करार दिया। अपने जवाब में, मंत्रालय ने 1993 में जारी एक कैबिनेट डिवीजन अधिसूचना का उल्लेख करते हुए जानकारी देने से मना किया।

ये भी देखें : 400 मौतों का तांडव: पीएम ने दिया इस्तीफा, इस देश में चल रहा हिंसा का दौर

आवेदन के जवाब में मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि मंत्रालय गोपनीय जानकारियों को साझा करने के लिए बाध्य नहीं है और उसे इससे छूट दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि यह गोपनीय मामले के अंतर्गत आता है, इसलिए इस पहलू पर आपके अनुरोध को अस्वीकार किया जाता है।

संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत मिलनी चाहिए जानकारी

एक महीने पहले ही अली ने आवेदन में चार सवालों के जवाब मांगे थे। उन्होंने वकीलों की टीम के सदस्यों की सूची और संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत मुशर्रफ के मुकदमे के लिए कानूनी फर्मों और उन्हें भुगतान की गई फीस से जुड़ी जानकारी देने के लिए कहा था। इसके अलावा अली ने अन्य खर्चों (यात्रा, अस्थाई आवास, खाने-पीने) का भी ब्योरा मांगा था।

ये भी देखें : अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने किया जेल का निरीक्षण, जारी किए ये आदेश

मंत्रालय के इनकार के बाद, मुख्तार ने सरकार के खिलाफ आवेदकों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों से निपटने के लिए आरटीआई कानून के तहत गठित एक अपील निकाय, पाकिस्तान सूचना आयोग से संपर्क किया है।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story