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भारत से कांपा चीन: निकल गई सारी हेकड़ी, हुआ अरबों डॉलर का नुकसान
लखनऊ: भारत की केंद्र सरकार के फैसले ने चीन की नींद उड़ा दी है। चीन ने खुद स्वीकार किया कि अकेले टिकटॉक पर लगे प्रतिबंध से उसे करोड़ों डॉलर का नुकसान हो रहा है। भारत द्वारा 59 एप बैन होने पर चीन तिलमिला गया है और गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दे डाली। लेकिन उसके ग्लोबल टाइम्स अखबर में बड़े नुकसान की बात कही गई है।
चीनी कंपनियों का आर्थिक गणित बिगड़ना तय
चीनी के अखबार ग्लोबाल टाइम्स ने कहा कि एप बैन होने से टिकटॉक कंपनी की संस्थापक कंपनी बाइट डांस को छह अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। ये आंकड़ा सिर्फ एक एप का है तो 59 एप पर प्रतिबंध से नुकसान कितना बड़ा होगा यह अंदाजा लगाया जा सकता है। मोदी सरकार के इस फैसले से चीनी कंपनियों का आर्थिक गणित बिगड़ना तय है। भारत चीनी कंपनियों के लिए बड़ा बाजार रहा है। यहां से कमाई के साथ-साथ ये कंपनियां चीन सरकार के लिए भारत में निगरानी के एजेंडे पर भी काम करती थीं।
भारतीय वकीलों ने मना किया टिकटॉक का केस लड़ने से
देश के दो बड़े वकीलों मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी ने चीनी एप टिकटॉक का मुकदमा लड़ने से इनकार किया है। पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बुधवार को कहा कि वह एक चीनी एप के लिए सरकार के खिलाफ अदालत में खड़े नहीं होंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील सिंघवी ने भी एलान किया कि वे टिकटॉक की पैरवी नहीं करेंगे। सिंघवी ने बताया, टिकटॉक के लिए एक साल पहले वे एक केस में जीते भी थे।
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प्रधानमंत्री ने चीन को सख्त संदेश दिया
भाजपा ने बुधवार को कहा, चीनी सोशल मीडिया से अकाउंट हटाकर प्रधानमंत्री ने चीन को सख्त संदेश दिया है। पार्टी के महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने कहा, पीएम सीमा पर स्पष्ट संदेश दे चुके हैं और अब उन्होंने निजी तौर पर भी कड़ा संदेश दिया है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, पीएम का वीबो प्लेटफॉर्म छोड़ना साफ संदेश है कि हद पार की गई तो नतीजे तो आएंगे ही। यह तो सिर्फ एक शुरुआत है।
विदेशी एप्स पर निर्भरता को रोकना चाहिए
संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, चीनी एप पर प्रतिबंध का फैसला एक अच्छा अवसर है। क्या हम भारतीयों द्वारा बनाए गए अच्छे एप के साथ आ सकते हैं? विदेशी एप्स पर निर्भरता को रोकना चाहिए।
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चीनी सॉफ्टवेयर पर कोई काम नहीं करेंगे
देश के सभी आईआईटी के पूर्व छात्रों ने चीनी तकनीक, सॉफ्टवेयर और एप पर काम न करने का फैसला लिया है। आईआईटी एल्यूमनाई काउंसिल ने घोषणा की है कि वे चीनी सॉफ्टवेयर पर कोई काम नहीं करेंगे। एल्यूमनाई काउंसिल के अध्यक्ष रवि शर्मा ने कहा कि हम सरकार के फैसले के साथ हैं। आत्मनिर्भर भारत के लिए सभी आईआईटियन को इसमें सहयोग देना चाहिए। उन्होंने आईआईटी के छात्रों और शिक्षकों से भी इस अभियान से जुड़ने की अपील की।
अमेरिका ने भी अपनी कंपनियों को दिए निर्देश
अमेरिका ने झिंजियांग प्रांत सहित पूरे चीन में जबरन श्रम और मानवाधिकारों उल्लंघन में शामिल संस्थाओं की सप्लाई चेन से जुड़ी कंपनियों के लिए बिजनेस एडवायजरी जारी की है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, सभी कंपनियों के सीईओ को इस नोटिस को बारीकी से पढ़ना चाहिए। जिससे उन्हें मानवीय गरिमा पर हमलों का समर्थन करने पर आर्थिक और कानूनी जोखिमों के बारे में पहले से जानकारी हो।
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अमेरिका लगातार चीन के खिलाफ शिकंजा कस रहा
कुल मिलाकर अब चीन की मुश्किलें कम नहीं होने वाली हैं। हांगकांग में विवादित सुरक्षा कानून लागू करने से नाराज अमेरिका लगातार चीन के खिलाफ शिकंजा कस रहा है। कुछ दिन पहले ही चीनी कंपनी हुवावे व जेडटीई को अमेरीकी सुरक्षा के लिए खतरे के तौर पर नामित किया गया था।