भारत से युद्ध में कभी भी नहीं जीत पाएगा चीन! इसलिए उठाया ये बड़ा कदम

शी जिनपिंग ने कहा कि बीआरआइ परियोजना के तहत दोनों देश सहयोग बढ़ाएं और चीन-बांग्लादेश रणनीतिक साझेदारी को नए मुकाम पर ले जाएं।

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Published on: 4 Oct 2020 11:46 AM GMT
भारत से युद्ध में कभी भी नहीं जीत पाएगा चीन! इसलिए उठाया ये बड़ा कदम
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प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय सेना की मशीनीकृत पैदल के पास किसी भी मौसम की स्थिति और किसी भी इलाके में काम करने का एक्सपीरियंस है।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मुद्दा दिनों दिन और भी ज्यादा उलझता ही जा रहा है। चीन ने पहले तो भारत को कई बार डराने और धमकाने की भी कोशिश की लेकिन जब उसे इस बात का ठीक से एहसास हो गया कि उसकी गीदड़ भभकी का भारत के उपर कोई भी असर नहीं पड़ने वाला है तो उसने रणनीति बदल ली।

अब वह कभी पाकिस्तान के जरिये तो कभी नेपाल के जरिये भारत में अशांति फैलाने की कोशिशें करने में जुटा है। भारत को घेरने की रणनीति के तहत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ताजा बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने बांग्लादेश के साथ रणनीतिक संबंधों को और बेहतर बनाने की बता कही हैं।

उन्होंने दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने की बात पर भी जोर दिया है।

Nepal And China नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो(सोशल मीडिया)

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बांग्लादेश पर डोरे डाल रहा चीन

ये बात जिनपिंग ने दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की स्थापना की 45वीं वर्षगांठ पर बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद अब्दुल हमीद के साथ बधाई संदेशों के आदान-प्रदान के दौरान कही।

अपने बधाई संदेश में जिनपिंग ने स्थिर और दीर्घकालिक दोस्ती की सराहना करते हुए कहा कि वह हामिद के साथ बेहतर विकास रणनीतियों को संवारने के लिए तैयार हैं।

शी जिनपिंग ने कहा कि बीआरआइ परियोजना के तहत दोनों देश सहयोग बढ़ाएं और चीन-बांग्लादेश रणनीतिक साझेदारी को नए मुकाम पर ले जाएं।

बांग्लादेश की आधारभूत परियोजना में चीन अब तक 26 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है और 38 अरब डॉलर निवेश की बात कही है।

China And Xi Jinping चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो(सोशल मीडिया)

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टी-90 और टी-72 टैंकों को किया गया तैनात

उधर भारत ने चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए एलएसी पर बीएमपी-2 इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के साथ टी-90 और टी-72 टैंकों को भी डेप्युट किया है। इन्हें पूर्वी लद्दाख में माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में संचालित किया जा सकता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय सेना की मशीनीकृत पैदल के पास किसी भी मौसम की स्थिति और किसी भी इलाके में काम करने का एक्सपीरियंस है। उच्च गतिशीलता गोला बारूद और मिसाइल भंडारण जैसी सुविधाओं की वजह से यह लंबी अवधि तक लड़ाई करने की सामर्थ्य रखती है।

पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भीषण सर्दी पड़ती है। यहां रात में तापमान सामान्य से 35 डिग्री कम होता है और उच्च गति वाली ठंडी हवाएं चलती हैं।

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