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PM मोदी ने उठाया ये बड़ा कदम, बौखलाए चीन ने भारत को दे डाली ऐसी चेतावनी
कोरोना महामारी और अपनी नीतियों की वजह से चीन दुनियाभर में घिर गया है। अब चीन के खिलाफ अमेरिका और भारत के साथ हीऑस्ट्रेलिया जापान समेत कई देश एक साथ खड़े हो गए हैं।
नई दिल्ली: कोरोना महामारी और अपनी नीतियों की वजह से चीन दुनियाभर में घिर गया है। अब चीन के खिलाफ अमेरिका और भारत के साथ हीऑस्ट्रेलिया जापान समेत कई देश एक साथ खड़े हो गए हैं। दुनिया में ऐसे संकेत मिल रह हैं जिससे प्रतीत हो रहा है कि चीन के लिए बड़ी चुनौती आने वाली है। चीन अब इन संकेतों को समझ रहा है और इसीलिए वहां की मीडिया चिंतित है और बौखलाई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी और जी-7 का विस्तार करके उसमें भारत को शामिल करने का प्रस्ताव दिया था। ट्रंप के स प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि मोदी ने ट्रंप से टेलीफोन पर हुई बातचीत में उनकी दूरदृष्टि और सृजनात्मक रवैये की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद की दुनिया के बाद की हकीकत के साथ ऐसे फोरम का विस्तार जरूरी है।
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जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। अब ट्रंप जी-7 का विस्तार कर इसे जी-11 या जी-12 बनाने की कोशिश में हैं। जी-7 में भारत की एंट्री को लेकर बौखलाई चीनी मीडिया ने तीखा प्रतिक्रिया दी है। चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि जी-7 के विस्तार की योजना को हवा देकर भारत आग से खेल रहा है।
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चीनी सरकार के मुखपत्र ने कहा कि जी-7 के विस्तार का विचार भू-राजनीतिक समीकरणों को लेकर है और साफ तौर पर ये चीन को रोकने की कोशिश हो रही है। अमेरिका सिर्फ इसलिए भारत के साथ नहीं है कि वह दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है बल्कि अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति का भी अहम हिस्सा है। अखबार का कहना है कि अमेरिका हिंद-प्रशांत में चीन को रोकने के लिए भारत को मजबूत कर रहा है।
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ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में लिखा गया है कि ट्रंप की योजना को लेकर भारत का उत्साहजनक रुख हैरान करने वाला नहीं है। बौखलाए अखबार का कहना है कि शक्ति की महत्वाकांक्षा में भारत लंबे वक्त से दुनिया के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संगठनों का हिस्सा बनने की कोशिश में लगा है। हालिया दिनों में भारत और चीन के सीमा पर तनाव के बीच, भारत अमेरिका के जी-7 योजना को समर्थन देकर चीन को भी संदेश देना चाहता है। तो वहीं कई भारतीय रणनीतिकारों ने कहा कि चीन पर दबाव बढ़ाने के लिए भारत को अमेरिका के करीब जाना चाहिए।