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कोरोना से जंग जीतने में भारत सबसे आगे, ब्राजील को छोड़ा पीछे
देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक सुखद खबर यह भी है कि दुनिया में कोरोना से जंग जीतने वाले लोगों के मामले में भारत पहले नंबर पर पहुंच गया है।
नई दिल्ली: देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक सुखद खबर यह भी है कि दुनिया में कोरोना से जंग जीतने वाले लोगों के मामले में भारत पहले नंबर पर पहुंच गया है। भारत ब्राजील को पीछे छोड़कर पहले स्थान पर पहुंचा है। जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में कोरोना महामारी से स्वस्थ होने वाले मरीजों की तादाद 1.9 करोड़ है और भारत में सोमवार तक 37 लाख 80 हजार से ज्यादा लोग इस महामारी से निजात पा चुके थे।
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संक्रमण के साथ ही रिकवरी रेट में भी इजाफा
हाल के दिनों में भारत में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में तेजी दर्ज की गई है और यही कारण है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। सोमवार को 92,701 मरीजों के मिलने के साथ ही देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या करीब साढे 48 लाख तक पहुंच गई है। लेकिन एक अच्छी बात यह है कि भारत में स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भारत में रिकवरी रेट 78 फ़ीसदी पर पहुंच गया है। देश में इस समय सक्रिय मरीजों की संख्या 98,6598 बताई गई है। सोमवार को 1136 मौतों के साथ देश में इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 79,722 तक पहुंच गई है।
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तमिलनाडु का रिकवरी रेट सबसे ज्यादा
देश में स्वस्थ मरीजों के मामलों को देखा जाए तो इस मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे है। वहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं मगर कोरोना से ठीक होने वाले राज्यों में भी महाराष्ट्र शीर्ष पर है। वैसे जहां तक रिकवरी रेट का सवाल है तो इस मामले में तमिलनाडु शीर्ष पर है और वहां 88.98 फीसदी रिकवरी रेट दर्ज किया गया है। महाराष्ट्र में रिकवरी रेट 69.79, यूपी में 76.74 और आंध्र प्रदेश में 82.36 फीसदी है।
लॉकडाउन से जानें बचाने में मिली मदद
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोकसभा को सूचित किया है कि लॉकडाउन के कारण देश में काफी संख्या में लोगों की जान बचाने में मदद मिली। उन्होंने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि लॉकडाउन की वजह से 37 हजार से लेकर 78000 लोगों की जानें बचाने में कामयाबी मिली। देशव्यापी बंदी की वजह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने में भी काफी मदद मिली।
92 फीसदी मरीज माइल्ड श्रेणी के
देशव्यापी बंदी की वजह से 14 लाख से 29 लाख तक लोगों को संक्रमण से बचाने में सफलता मिली। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना मरीजों में 92 फीसदी मामले माइल्ड श्रेणी के हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक केवल 5.8 फीसदी मरीजों को ही ऑक्सीजन सपोर्ट और 1.7 फीसदी मरीजों को आईसीयू में रखने की जरूरत पड़ रही है।
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स्वस्थ होने पर भी सतर्कता जरूरी
इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अगर आप कोरोना को मात देकर अस्पताल से घर लौट आए हैं या फिर आइसोलेशन में स्वस्थ हुए हैं तो भी सेहत को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है।स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जरा सी लापरवाही बरतने पर आमतौर पर शरीर में दर्द, कमजोरी और सांस लेने में परेशानी की समस्या हो सकती है।
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इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पोस्ट कोविड-19 प्रोटोकॉल तैयार किया गया है और इसमें स्वस्थ होने के बाद भी सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को भी इसमें शामिल करते हुए समय-समय पर डॉक्टर की सलाह पर काढ़ा लेते रहने की सलाह भी दी गई है।
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