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200 मौतों का गुनहगार रिहा: जेल से मिली आजादी, बम-धमाकों से दहला

इंडोनेशिया के बाली में 2002 में अबु बकर बशीर नाम के शख्स ने भयानक बम धमाके की योजना तैयार की थी। इस धमाके में 200 से ज्यादा लोग मारे गए। ऐसे में अब इंडोनेशिया की सरकार का कहना है कि चूंकि उसकी सजा पूरी हो गई है, इसलिए उसे छोड़ दिया जाएगा।

Vidushi Mishra
Published on: 5 Jan 2021 4:18 PM IST
200 मौतों का गुनहगार रिहा: जेल से मिली आजादी, बम-धमाकों से दहला
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इंडोनेशिया के बाली में 2002 में अबु बकर बशीर नाम के शख्स ने भयानक बम धमाके की योजना तैयार की थी। इस धमाके में 200 से ज्यादा लोग मारे गए।

नई दिल्ली। भीषण बम धमाके का मास्टरमाइंड जेल की कैद रिहा किया जा रहा है। इंडोनेशिया के बाली में 2002 में अबु बकर बशीर नाम के शख्स ने भयानक बम धमाके की योजना तैयार की थी। इस धमाके में 200 से ज्यादा लोग मारे गए। ऐसे में अब इंडोनेशिया की सरकार का कहना है कि चूंकि उसकी सजा पूरी हो गई है, इसलिए उसे छोड़ दिया जाएगा। वैसे तो इंडोनेशिया बहुत सख्त सजा देने वाला देश माना जाता है कि अबु बकर को 200 मौतों का गुनहगार होने के बाद भी आजाद कर रहा है।

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कनेक्शन अल कायदा से भी

इंडोनेशिया के सबसे ज्यादा कुख्यात चरमपंथियों में 82 साल का अबु बकर बशीर मशहूर है। लेकिन यहां कुछ लोग अबू बशीर को जेमाह इस्लामिया नेटवर्क के आध्यात्मिक नेता के तौर पर भी जानते हैं। साथ ही जेमाह इस्लामिया नेटवर्क का कनेक्शन अल कायदा से भी जोड़ा जाता रहा है।

ऐसे में इंडोनेशिया की सरकार ने कहा है कि शुक्रवार को अबु बकर बशीर को जेल से छोड़ दिया जाएगा। जेमाह इस्लामिया नेटवर्क पर आरोप है कि उसने इंडोनेशिया में कई बड़े धमाके किए और उसके लोगों को अफगानिस्तान, पाकिस्तान और फिलिपीन्स में ट्रेनिंग मिली थी।

abu bakar basheer फोटो-सोशल मीडिया

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हमला करने के संगीन आरोप

सन् 2002 में बाली में हुए धमाके करने और एक साल बाद जकार्ता के जेडब्ल्यू मैरिअट होटल पर हमला करने के संगीन आरोप जेमाह इस्लामिया पर लगे थे। इस पर सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि इंडोनेशिया के जिहादी आंदोलन में अबु बकर बशीर की काफी बड़ी छवि है और यह असंभव नहीं है कि उसके नाम का फिर से इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

लेकिन अबु बकर बशीर बम धमाके को लेकर अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते आए हैं। वहीं इससे पहले राष्ट्रपति जोको विडोडो ने चुनाव से पहले 2019 में भी बशीर को जेल से रिहा करने पर विचार किया था। लेकिन बाद में इस योजना को बदल दिया गया।

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