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ईरान के सबसे बड़े नेता ने अमेरिका से बात करने से किया इंकार, बढ़ी युद्ध की आशंका
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने ईरान किसी भी स्तर पर अमेरिका के साथ बातचीत नहीं करेगा। ईरानी नेता खामनेई ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि ईरान पर दवाब बनाने की अमेरिकी नीति का कोई फायदा नहीं होगा।
नई दिल्ली: ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने ईरान किसी भी स्तर पर अमेरिका के साथ बातचीत नहीं करेगा। ईरानी नेता खामनेई ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि ईरान पर दवाब बनाने की अमेरिकी नीति का कोई फायदा नहीं होगा। देश के लोग अमेरिका के साथ किसी भी स्तर पर बातचीत करने के खिलाफ एकजुट है।
खामनेई का कहना है कि अमेरिका के साथ बातचीत करने का मतलब होगा कि उसकी अधिकतम दबाव बनाने की नीति सफल हो गई है और इसके बाद उसके लिए ईरान पर अपनी इच्छाओं को लादना संभव हो जाएगा।
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उनका कहना है कि इसी वजह से ईरान के राष्ट्रपति, विदेशमंत्री से लेकर हर स्तर के अधिकारी ने सर्वसम्मति से कहा है, हम अमेरिका के साथ बातचीत नहीं करेंगे, चाहे यह द्विपक्षीय हो या बहुपक्षीय।
उन्होंने कहा, यदि अमेरिका एटमी डील पर पीछे हटने की गलती को स्वीकारता है और संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओ) से साथ लौटता है तो ईरान, वाशिंगटन और दूसरे साझेदारों के साथ बातचीत को तैयार हो सकता है।
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ईरान के राष्ट्रपति रूहानी भी अमेरिका के साथ बातचीत की संभावनाओं से इंकार कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि जब तक ईरान के ऊपर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाया नहीं जाता है तब तक वह अमेरिका से बातचीत को तैयार नहीं होंगे।
अमेरिका के रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने सितम्बर की शुरुआत में कहा था कि ईरान बातचीत की ओर झुकता हुआ दिख रहा है। पिछले वर्ष अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के बाद ईरान के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे।
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नाटो ने तेल संयंत्रों पर हमले के बाद क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है। नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने ईरान पर आरोप लगाते हुए कहा कि कि वह पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है। उन्होंने कहा, हम सभी पक्षों से कह रहे हैं कि इस तरह के हमलों को दोबारा न होने दें।