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अब होगा भयानक युद्ध! टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट की हत्या, ये दो देश आए आमने-सामने
ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने ट्ववीट कर कहा कि आतंकवादियों ने एक प्रसिद्ध ईरानी वैज्ञानिक की हत्या कर दी। यह कायरना हरकत साजिशकर्ताओं की हताशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस हत्या में इजरायल की भूमिका के गंभीर संकेत हैं।
तेहरान: ईरान की राजधानी तेहरान में टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फखरीजादेह की हत्या कर दी गई है। मोहसिन फखरीजादेह को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का जनक कहा जाता था। हमलावरों ने ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन की कार अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में मोहसिन की मौके पर ही मौत हो गई है। ईरान के टॉप साइंटिस्ट की हत्या के बाद पश्चिन एशिया में युद्ध खतरा बढ़ गया है।
ईरान के साइंटिस्ट की हत्या का आरोप इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद पर लगाया जा रहा है। ईरान के विदेश मंत्री ने इसे आतंकी कार्रवाई बताया है और इजरायल पर तीखा वार किया है।
ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने ट्ववीट कर कहा कि आतंकवादियों ने एक प्रसिद्ध ईरानी वैज्ञानिक की हत्या कर दी। यह कायरना हरकत साजिशकर्ताओं की हताशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस हत्या में इजरायल की भूमिका के गंभीर संकेत हैं। ईरान के आरोपों पर इजरायल ने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है।
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ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फखरीजादेह
परमाणु स्थलों पर हमले की तैयारी में अमेरिका
ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट की हत्या ऐसे समय हुई है जब ऐसी खबरें आई थीं कि डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बाइडेन के सत्ता संभालने से पहले ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले करा सकती है। बाइडेन प्रशासन ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर हुए एक बहुदेशीय समझौते में फिर से शामिल होने की इच्छा जताई है। इस समझौते से साल 2018 में अमेरिका इस समझौते से अलग हो गया था। इस हत्या से कुछ दिन पहले ही इजरायल के प्रधानमंत्री, अमेरिका के विदेश मंत्री और सऊदी अरब के राजकुमार ने एक गोपनीय की मीटिंग की थी।
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हमले के पीछे इजरायल का हाथ
अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने अमेरिकाी मीडिया से बातचीत में कहा है कि ईरानी वैज्ञानिक पर हमले के पीछे इजरायल का हाथ है। उन्होंने बताया है कि यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि अमेरिका को इस हमले को लेकर कितना जानकारी थी। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरानी वैज्ञानिक की हत्या इजरायल की बदनाम खुफिया एजेंसी मोसाद ने की है। मोसाद ने साल 2010 और 2012 में चार ईरान परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की थी।
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