TRENDING TAGS :
ईरान में पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के फैसले के बाद मचा बवाल
तेहरान। ईरान में पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने का फैसला आने के बाद अचानक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए जिसमें १०० लोगों के मारे जाने की खबरें हैं। गुस्साई भीड़ ने बैंक, पेट्रोल पंप, सरकारी इमारतों, पुलिस स्टेशनों में आगजनी और बाजारों में जमकर लूटपाट की है। दरअसल, सरकार ने एलान किया था कि महीने में पहले 60 लीटर पेट्रोल की खरीद पर कीमत 50 फीसदी बढ़ाई जाएगी। इसके बाद खरीदी जाने वाली पेट्रोल की कीमतें 200 फीसदी बढ़ जाएगी, इसके बाद प्रदर्शन शुरू हो गए। हालत बिगड़ती जाने से सरकार ने देश में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं जिससे बहुत सी खबरें बाहरी दुनिया तक नहीं पहुंच पा रही हैं।
यह भी पढ़ें : पाकिस्तानी महिला की ये हरकत तो देखो, ऐसा करना पड़ गया इनको बहुत महंगा
ईरान में बढ़ोतरी के बाद निजी वाहनों के लिए पेट्रोल की कीमत ९ रुपए ३४ पैसे प्रति लीटर हो गई है जबकि निर्धारित कोटे से ज्यादा पेट्रोल लेने पर उसकी कीमत १८ रुपए प्रति लीटर हो गई। वैसे तो ईरान में पेट्रोल की कीमतें बाकी देशों की तुलना में बहुत ही कम हैं लेकिन जानकारों का कहना है कि ईरान में औसत आय इतनी कम है कि पेट्रोल के दाम जरा भी बढ़ाया जाना तकलीफदेह है।
दिसंबर 2017 में ईरान के कठिन हालात के विरोध में देश में व्यापक प्रदर्शन हुए थे। यह प्रदर्शन ईरान के दूसरे सबसे बड़े शहर मशाद से शुरू हो कर जल्दी ही दूसरे शहरों में फैल गया था और इसमें 25 लोगों की जान गई थी।
पेट्रोल की बढ़ी कीमतें और कोटा लागू करने के फैसले पर सरकार का कहना है कि इसका मकसद जरूरतमंद लोगों को नगद पैसे से मदद देना है। इस योजना को राष्ट्रपति, संसद के स्पीकर और न्याय व्यवस्था के प्रमुख की एक परिषद ने मंजूरी दी। योजना को ईरान के सुप्रीम नेता अयातोल्लाह अली खमेनेई का भी समर्थन है। राष्ट्रपति हसन रोहानी ने कीमत बढ़ाने का यह कह कर बचाव किया है कि इससे हासिल हुई रकम का इस्तेमाल 6 करोड़ ईरानी लोगों को मदद देने के लिए किया जाएगा। सरकार ने लोगों को सीधे नकद ट्रांसफर करने की स्कीम लागू करके पैसा देना शुरू भी कर दिया है।
यह भी पढ़ें : हांगकांग में प्रदर्शन: अमेरिका ने लिया बड़ा फैसला, आगबबूला हुआ चीन
अमेरिका ने 'घातक बल' के प्रयोग के लिए ईरान की निंदा की है। अपने चिरशत्रु अमेरिका को जवाब देने में ईरान ने भी देरी नहीं लगाई। जब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो ने प्रदर्शनकारियों के बारे में ट्वीट किया कि 'अमेरिका आपके साथ है' तो ईरान ने भी इसका कड़ा उत्तर दिया। जर्मनी ने सरकार और 'वैध' प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत की मांग की है तो फ्रांस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के प्रति समर्थन जताया है और मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई है। ईरानी न्याय विभाग के प्रवक्ता ने चेतावनी दी है कि प्रशासन उन लोगों के साथ कड़ाई से पेश आएगा जो आगजनी कर रहे हैं और सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं।