TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अमेरिका के नए विदेश मंत्री: भारत से है खास रिश्ता, कांप रहे चीन और पाकिस्तान

अमेरिका में विदेश मंत्री के पद पर ऐंटनी ब्लिंकेन की नियुक्ति ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है। खासकर ब्लिंकेन का भारत को लेकर जो रुख है उससे पाकिस्तान के लिए परेशानी बढ़ सकती है।

Newstrack
Published on: 25 Nov 2020 12:01 PM IST
अमेरिका के नए विदेश मंत्री: भारत से है खास रिश्ता, कांप रहे चीन और पाकिस्तान
X
अमेरिका के नए विदेश मंत्री बने ऐंटनी ब्लिंकेन, चीन और पाकिस्तान को लगा झटका

वॉशिंगटन: जो बाइडेन ने अपने कैबिनेट में शामिल होने वाले चेहरों का ऐलान कर दिया है। बाइडेन की इस लिस्ट में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय के राजनयिक एंटनी ब्लिंकन का भी है। बाइडेन ने एंटनी ब्लिंकन को विदेश मंत्री नियुक्त किया है। अमेरिका में विदेश मंत्री के पद पर ऐंटनी ब्लिंकेन की नियुक्ति ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है। खासकर ब्लिंकेन का भारत को लेकर जो रुख है उससे पाकिस्तान के लिए परेशानी बढ़ सकती है।

भारत के लिए अहम

अमेरिका में ब्लिंकन को मंत्रिपद मिलना भारत के लिए इसलिए अहम है क्योंकि ब्लिंकेन ने न सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है बल्कि भारत के साथ इस दिशा में अहम सहयोग पर जोर दिया है। साथ ही जब भारत-अमेरिका परमाणु समझौते की पुष्टि हुई थी, उस दौरान ब्लिंकन ही थे; जिन्होंने सीनेट भारत का पक्ष रखा था।

ये भी पढ़ें: बाइडेन ने भारत के इस दोस्त को बनाया विदेश मंत्री, जानिए एंटनी के बारे में

आतंकवाद के पर कड़ा रुख

बता दें कि ब्लिंकेन ने सीमापार से होने वाले आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा था कि भारत के रक्षा तंत्र के साथ काम करके उसे मजबूत बनाया जाएगा और आतंकवाद से लड़ने के लिए उसकी क्षमताओं को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा ब्लिंकेन ने कहा था कि दक्षिण एशिया या दुनिया के किसी और हिस्से में आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में पाक के लिए दूसरे देशों का सहयोग और नरम रवैया बेहद जरुरी है। अगर वह ग्रे लिस्ट से बाहर आने में नाकामयाब रहता है तो उसकी पहले से चरमराई अर्थव्यवस्था गर्त में जा सकती है।

अमेरिका-भारत संबंध पर कही ये बात

इसके अलावा हाल ही में ब्लिंकन से एक इवेंट में पूछा गया था कि वे भारत और अमेरिका के संबंध को कैसे देखते हैं? इसपर ब्लिंकन ने कहा था कि मुझे लगता है कि उपराष्ट्रपति रहते हुए जो बाइडन के दृष्टिकोण से भारत के साथ संबंध को मजबूत करना और गहरा करना एक बहुत ही उच्च प्राथमिकता है। यह आम तौर पर इंडो-पैसिफिक के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत और अमेरिका लोकतांत्रिक देश हैं। दोनों बड़ी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं।

ये भी पढ़ें: धमाकों से दहला देश: बिछ गईं लाशें ही लाशें, चारों तरफ मचा हाहाकार

इसके अलावा भारत और अमेरिका के संबंधों पर आयोजित एक डिस्कशन में ब्लिंकेन ने UN रिफॉर्म्स का मुद्दा उठाया। ब्लिंकेन ने कहा कि बाइडेन प्रशासन में हम भारत के अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अहम रोल निभाने की वकालत करेंगे। इसमें भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को स्थायी सीट दिलाना शामिल होगा।

चीन के खिलाफ भारत के साथ...

इसके अलावा चीन की आक्रामक नीति के बारे में बीते दिन बात करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच एक आम चुनौती चीन है, जो भारत के खिलाफ आर्थिक आक्रामक है साथ ही अपने आर्थिक प्रभुत्व के इस्तेमाल से दूसरों पर दबाव बनाता है। ब्लिंकन ने कहा कि बाइडेन लोकतंत्र को दोबारा खड़ा करने के लिए और भारत जैसे पार्टनर के साथ काम करेंगे। चीन का मजबूत स्थिति से सामना किया जाएगा और भारत इस कोशिश का अहम हिस्सा होगा।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story