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ताबड़तोड़ बिजली का कहर: तबाही से हिल जाएगी दुनिया, तस्वीरें कर देंगी हैरान

बृहस्पति (Jupiter) इस वक्त भयानक तूफान की मार झेल रहा है। इसके अलावा यह ग्रह बादलों के चक्रवात और बिजली गिरने जैसी गतिविधियों का भी सामना कर रहा है 

Shreya
Published on: 11 Nov 2020 2:46 PM IST
ताबड़तोड़ बिजली का कहर: तबाही से हिल जाएगी दुनिया, तस्वीरें कर देंगी हैरान
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जूपिटर पर कड़क रही बिजली

नई दिल्ली: अगर आपको लगता है कि केवल हमारी धरती ही इकलौता ऐसी ग्रह जिस पर बिजली गिरती हैं या तूफान आते हैं और बादल फटनी जैसे घटना केवल यहीं होती हैं तो आप गलत हैं। क्योंकि धरती के अलावा कई ऐसे और ग्रह हैं जहां पर ऐसी ही गतिविधियां होती हैं। फिलहाल हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह यानी बृहस्पति (Jupiter) इस वक्त भयानक तूफान की मार झेल रहा है। इसके अलावा यह ग्रह बादलों के चक्रवात और बिजली गिरने जैसी गतिविधियों का भी सामना कर रहा है

इन गतिविधियों का सामना कर रहा बृहस्पति

बताया जा रहा है कि जुपिटर (Jupiter) पर गिर रही ताबड़तोड़ बिजलियां भी दो प्रकार की हैं। अब इनकी बेहद हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। दरअसल, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के जूनो स्पेसक्राफ्ट (Juno Spacecraft) ने इन तूफानों, बिजलियों और बादलों के चक्रवात की तस्वीरें ली हैं। इन तस्वीरों को लेने के लिए सामान्य से लेकर इंफ्रारेड, अल्ट्रावॉयलेट कैमरे का भी इस्तेमाल किया गया है।



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दो तरह की जुपिटर पर कड़क रही है बिजलियां

नासा के जूनो स्पेसक्राफ्ट से मिली तस्वीरों का अध्ययन करने के बाद पता चला कि यहां पर दो तरह की बिजलियां कड़क रही हैं। जिसे नासा के वैज्ञानिकों ने स्प्राइट (Sprite) और एल्व्स (Eleves) नाम दिया है। लेकिन इसमें हैरानी की बात ये है कि बिजलियां ग्रह नहीं बल्कि वायुमंडल से ऊपर कड़क रही हैं। जिस वजह से अंतरिक्ष में रोशनी नजर आ रही है।

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तेजी से कड़कती है स्प्राइट

बताया जा रहा है कि ग्रह पर स्प्राइट (Sprite) बहुत तेजी के साथ कड़कती है और यह सैकड़ों किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में एक स्पॉट पर दिखती है। वहीं एल्व्स (Eleves) की बात की जाए तो यह वायुमंडल के ऊपर सैकड़ों किलोमीटर में फैला हुआ दिखता है और इसमें एकसाथ कई बिजलियां कड़कती रहती हैं जो कि छोटे-छोटे स्पार्क की तरह दिखाई देती हैं।

किस तरह हो रही ये प्रक्रिया

नासा के वैज्ञानिकों को अध्ययन से पता चला कि वायुमंडल (Atmosphere) के ऊपर मौजूद नाइट्रोजन कण दूसरे गैसों के साथ टकराकर इस तरह की प्रक्रिया कर रहे हैं। ये बिजलियां जुपिटर के सतह और वायुमंडल के सैकड़ों किमी ऊपर दिखाई दे रहे हैं।

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