TRENDING TAGS :
महिला ने उबाले पत्थर: बच्चों को भूख लगने पर किया ऐसा, हुआ ऐसा हाल
केन्या के मोम्बासा काउंटी के कासौनी में एक महिला जब भूख से तड़प रहे बच्चों को खाना नहीं दे सकी तो वह उन्हें दिलासा देने के लिए पत्थर उबालने लगी।
पिछ्ले कुछ समय से पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है। आए दिन देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। इस वायरस को रोकने लिए सरकार द्वारा पूरे देश में 3 मई तक लॉकडाउन घोषित किया गया है। ये लॉकडाउन कुछ लोगों के लिए किसी काल से काम नहीं हैं। आए दिन दुनिया के किसी कोने से इस लॉकडाउन के चलते एक न एक दर्दनाक तस्वीर सामने आ रही है। ऐसी ही एक और तस्वीर सामने आ रही जो है केन्या से।
बच्चों के भूख लगने पर उबाले पत्थर
केन्या से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जो वाकई में आपको अन्दर तक झकझोर देगी। केन्या के मोम्बासा काउंटी के कासौनी में एक महिला जब भूख से तड़प रहे बच्चों को खाना नहीं दे सकी तो वह उन्हें दिलासा देने के लिए पत्थर उबालने लगी। केन्या की पेन्निहा किताओ आठ बच्चों की मां हैं। उनके पति की ह्त्या हो जाने के बाद वो अकेली ही इन बच्चों को पालती हैं। ऐसे में जब बच्चों को भूख लगी और उनकी मां पेन्निहा उन्हें खाना नहीं दे पाईं तो उन्होंने बच्चों को दिलासा देने के लिए पत्थरों को ही उबालना शुरू कर दिया।
ये भी पढ़ें- अरे ये क्या, लॉकडाउन में लोग घरों में हैं और ‘मोदी’ जी हाथी पर बैठकर शहर में घूम रहे
जिससे बच्चों को लगे की उनकी मां उनके लिए खाना बना रहा है। ऐसे देखते देखते बच्चे भूखे ही सो गए। पेन्निहा ने बताया कि बच्चे लगातार रो रहे थे और सोने भी नहीं जा रहे थे जिसके चलते मैंने ये ट्रिक आजमाई। लेकिन उनकी ये ट्रिक ज्यादा दिन उनके काम नहीं आई।क्योंकि अगले दिन जब वो पत्थर उबाल रहीं थीं तो बच्चे जाग गए और एक बच्चे ने उनसे कहा कि वो उनसे झूंठ बोल रहीं हैं। वो खाना नहीं बल्कि सिर्फ पत्थर उबाल रहीं हैं।
मदद को आगे आई पड़ोसी महिला
ऐसे में अगर पेन्निहा की मदद को कोई आगे आया तो वो उनकी पड़ोसन प्रिस्का न्याकरगियो। पड़ोसन प्रिस्का न्याकरगियो ने बताया कि उन्होंने एक दिन अपने पड़ोस के घर में रोने-चिल्लाने की आवाज सुनी तो वहां पहुंच गईं। उन्होंने बताया कि तब मुझे पेन्निहा की हालत का पता चला। जिसके बाद प्रिस्का ने पेन्निहा के लिए सोशल मीडिया पर लोगों से मदद मंगनी शुरू की। प्रिस्का ने कहा, '' जब मैंने उसकी हालत देखी तो मैं भावुक हो गई। मैं भी एक मां हूं और उसके दर्द को महसूस कर सकती हूं।
ये भी पढ़ें- अरे ये क्या, लॉकडाउन में लोग घरों में हैं और ‘मोदी’ जी हाथी पर बैठकर शहर में घूम रहे
इसीलिए मैंने उसकी मदद करने के बारे में सोचा। अब कई लोग पेन्निहा की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। पेन्निहा ने बताया कि 2019 में चोरों ने उनके घर पर हमला किया था। जिसमें उनके पति की हत्या हो गई थी। उस वक्त वो 2 महीने की प्रेग्नेंट थीं। ऐसे में पेन्निहा ने लोगों के घर जा कर कपड़े धोने का कामक शुरू किया। लेकिन कोरोना वायरस आने के बाद सब कुछ बदल गया।