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केन्या के सेक्स टूरिज्म में फंसती एशियाई लड़कियां

seema
Published on: 17 Aug 2019 12:30 PM IST
केन्या के सेक्स टूरिज्म में फंसती एशियाई लड़कियां
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केन्या के सेक्स टूरिज्म में फंसती एशियाई लड़कियां

मोम्बासा: नेपाल की एक ब्यूटीशियन युवती शीला एक ब्यूटी सैलून में काम करती थी। अचानक उसके पास नए तरह की जॉब का ऑफर आने लगा। ये ऑफर था केन्या के एक नाइटक्लब में 'कल्चरल डांसर' के काम का और तनख्वाह मौजूदा से सात गुना ज्यादा। नेपाल की तरई के एक गांव की इस युवती ने न तो कभी केन्या का नाम सुना था और न ही उसे डांस का कोई अनुभव था। ६०० डॉलर मासिक वेतन, खाना, रहना और ट्रांसपोर्ट सब फ्री, शीला ने लालच में ये ऑफर स्वीकार कर लिया।

शीला बताती है कि केन्या पहुंचने पर उसे मोम्बासा के शान्जू इलाके में एक फ्लैट में रखा गया। उसे बताया गया कि सुरक्षा के कारण उसे अकेले कहीं नहीं जाना है, काम के अलावा फ्लैट से बाहर कतई नहीं जाना है और फोन या पासपोर्ट नहीं रखना है। उसे रात ९ बजे से सुबह ४ बजे तक बार में डांस करना होता था। इस नाइटक्लब में ११ नेपाली लड़कियां काम करती थीं।

ये है केन्या की एडल्ट एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री जहां बॉलीवुड स्टाइल वाले क्लबों में नेपाल, भारत और पाकिस्तान की ढेरों लड़कियां काम करती हैं। इनकी सही सही संख्या कोई नहीं जानता क्योंकि बहुत सी लड़कियां अवैध तरीके से केन्या लाई जाती हैं। नेपाल के मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार २०१६-१७ में केन्या व तंजानिया से ४३ लड़कियां छुड़ाई गईं थीं। अप्रैल 2019 में पुलिस ने कई ठिकानों पर छापा मार कर शीला समेत 11 लड़कियों को आजाद कराया।

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ज्यादातर लड़कियों को दक्षिण एशिया के टूरिस्ट वीजा पर तीन महीने के लिए केन्या लाया जाता है। शीला समेत 11 लड़कियों को नौ महीने के दौरान केन्या लाया गया। उनकी फ्लाइट भारत और इथियोपिया से बुक कराई गई। अदालत में गवाही के दौरान 16 से 34 साल की इन महिलाओं ने बताया कि वे सिर्फ एक हैंडबैग के साथ केन्या आई थीं। एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों को उन्होंने बताया कि वे परिवार या मित्र से मिलने आई हैं। महिलाओं से कहा गया था कि अगर वे हर रात अच्छे से नाचेंगी तो उन्हें हर महीने 4,000 डॉलर तक टिप मिल सकती है। टॉप परफॉर्मेंस वाली लड़कियों टारगेट पूरा करने पर २00 से 500 डॉलर का बोनस दिया जाता था। बचाई गई लड़कियों के मुताबिक उन्हें इस ढंग से रखा गया कि उन्हें कभी कमरे और क्लब की सटीक लोकेशन तक पता नहीं चली।

मोम्बासा के एक नाइटक्लब के मालिक आसिफ आमिराली अलीभाई जेठा पर मानव तस्करी से जुड़े तीन मामले दर्ज किए गए। आसिफ कनाडाई-ब्रिटिश नागरिक है। उसने कोर्ट में आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सभी लड़कियों को कानूनी ढंग से नौकरी पर रखा गया। किसी से यौन उत्तेजना फैलाने वाला डांस नहीं कराया गया, न ही यौन शोषण किया गया। डांस सिर्फ सांस्कृतिक नृत्य था।

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भारत और नेपाल के डांस बारों की तरह केन्या के कई शहरों में ऐसे नाइटक्लब खुल चुके हैं.। राजधानी नैरोबी, मोम्बासा और किसुमू में ऐसे डांस बार कुकुरमुत्ते की तरह फैले हुए हैं। पुलिस और मानव तस्करी का विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के मुताबिक इन क्लबों में लड़कियों को सेक्स के लिए गुलाम बनाकर भी रखा जाता है। शुरूआत में महिलाओं को एडवांस के तौर पर पैसा दिया जाता है और फिर उस कर्ज के बदले उनसे उत्तेजक डांस करवाया जाता है। कुछ मामलों में उन्हें क्लाइंट के साथ सेक्स करने के लिए मजबूर भी किया जाता है।

ज्यादातर पीडि़त लड़कियां गरीब रूढि़वादी परिवारों से आती हैं, वहां इन चीजों को लोकलाज से जोड़कर देखा जाता है। पीडि़त महिलाओं को भले ही सेक्स के लिए बाध्य किया जाए, तब भी वे कुछ नहीं बोलतीं। तस्कर उन्हें पहले ही बता देते हैं कि इस बारे में बात मत करना वरना तुम्हें देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया जाएगा।

केन्या में बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाओं और लड़कियों को भी यौन व्यापार में धकेला जाता है। देश में सेक्स टूरिज्म उद्योग का रूप ले रहा है। केन्या में करीब 3,28,000 लोग गुलामी की जिंदगी जी रहे हैं। औसतन निकाला जाए तो 143 लोगों के बीच एक गुलाम है।

केन्या के डायरेक्टरेट ऑफ क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशंस के अधिकारी के मुताबिक, केन्या में मानव तस्करों के एजेंट विदेशों में हैं जो महिलाओं की भर्ती करते है।. सांस्कृतिक डांसर के रूप में नौकरी और एक महीने की तनख्वाह एडवांस में दी जाती है लेकिन जैसे ही वे यहां पहुंचती हैं वैसे ही उनकी आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है। उनसे अश्लील और यौन उत्तजेना पैदा करने वाला डांस करवाया जाता है और अक्सर उन्हें ग्राहकों के साथ सेक्स करने के लिए बाध्य भी किया जाता है।

कई शहरों में फैला है जाल

केन्या में सिर्फ नाइट क्लब ही नहीं बल्कि तटीय शहरों में सेक्स टूरिज्म बड़े पैमाने पर संचालित है जहां विदेशी अधेड़ कमसिन लड़कियों के साथ घूमते नजर आते हैं। क्रिसमस की छुट्टिïयों के सीजन में यूरोप और अमेरिका से यहां आने वाले टूरिस्टों की तादाद बहुत बढ़ जाती है। मोम्बासा और मालिन्दी शहरों के ढेरों कैफे में अधेड़ विदेशी - महिला और पुरुष - कम उम्र के लोकल लड़कों-लड़कियों के साथ दिखते हैं। यहां चाइल्ड प्रॉस्टीट्यूशन यहां सभी बर्दाश्त करते हैं। कम उम्र की लड़कियां और उनके दादा की उम्र वाले गोरे पुरुषों की जोड़ी आम नजारा हैं और कोई इसे बुरा नहीं मानता। बड़े आलीशान होटलों के बाहर स्थानीय जवान लड़के इस तरह कतार में खड़े रहते हैं मानो गुलामों का बाजार सजा हो। इन लड़कों को 'बीच ब्वाय' कहा जाता है। बताया जाता है कि ये लड़के गोरी महिलाओं का ध्यान आकर्षित करने की उम्मीद में खड़े रहते हैं। उम्मीद इस बात की कि सेक्स के बदले उन्हें कोई विदेशी महिला 'स्पांसर' कर दे। कहा तो ये भी जाता है कि छुट्टिïयों के सीजन में शादीशुदा केन्यायी पुरुष भी इस धंधे में लग जाते हैं और सीजन खत्म होने के बाद अपने परिवार में लौट जाते हैं।



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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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