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बड़ा खुलासा: किम जोंग ने अपने ही चाचा का कराया था मर्डर, ट्रंप को बताई थी ये बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन इन दिनों खासा चर्चा में बने हुए हैं। इसकी एक बड़ी वजह पत्रकार बॉब वुडवार्ड द्वारा लिखी गई एक किताब है।
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन इन दिनों खासा चर्चा में बने हुए हैं। इसकी एक बड़ी वजह पत्रकार बॉब वुडवार्ड द्वारा लिखी गई एक किताब है।
जिसमें इन दोनों ताकतवर शख्स के बारें में तमाम अनसुनी बातें लिखी गई हैं। इस किताब में ट्रंप की उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग को लेकर सोच और अमेरिकी सेना के एक रहस्यमय हथियार समेत कई जानकारियों के बारें में भी जिक्र किया गया हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग की फोटो(साभार-सोशल मीडिया)
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आखिर क्या लिखा है इस किताब में
अगर हम इस किताब के पन्नों को पलटना शुरू करे तो इसकी शुरुआत कुछ इस तरह से होती है। साल 2018 में ट्रंप जब उत्तर कोरया के शासक किम जोंग उन से सिंगापुर में मिले थे तो उनसे काफी अधिक प्रभवित हुए थे।
उस वक्त ट्रंप का ऐसा कहना था कि किम जोंग बेहद तेज दिमाग के हैं। किम जोंग उन उन्हें सब कुछ बताते थे और यहां तक कि किम ने ट्रंप से इस बात का भी जिक्र किया था कि उन्होंने कैसे अपने अंकल का ही मर्डर करवा दिया था।
किताब में आगे लिखा है कि ट्रंप उस वक्त ऐसा चाहते थे कि वह किम जोंग उन को परमाणु हथियार कार्यक्रम बंद करने के लिए राजी कर लें, लेकिन उनकी सारी कोशिशें धरी की धरी रह गई थी।
वुडवार्ड ने अपनी किताब में ये भी लिखा है कि ट्रंप ने इंटेलिजेंस अधिकारियों के की उस बात को सिरे से नकार दिया था कि किम जोंग कभी भी परमाणु हथियारों को लेकर नहीं मानेंगे। वुडवार्ड के मुताबिक ट्रंप ने किताब के लेखक(उनसे) से कहा था कि सीआईए को कुछ आइडिया ही नहीं था कि उत्तर कोरिया से कैसे बात आगे बढ़ाई जाये।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग की फोटो(साभार-सोशल मीडिया)
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ट्रंप और किम के बीच तीन मुलाकातों का भी जिक्र
किताब में आगे लिखा है- ट्रंप ने उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों से लगाव को लेकर एक उदाहरण देते हुए कहा कि ये एक दम से वैसा ही है जैसे कोई अपने घर को बहुत प्यार करता हो और उसे बेच नहीं सकता है।
ट्रंप के आलोचकों का आरोप था कि किम से मिलकर ट्रंप ने उत्तर कोरियाई शासक को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान्यता दिला दी थी।
ट्रंप ने किम जोंग उन से हुई अपनी तीन मुलाकातों को लेकर हुई आलोचना को भी सिरे से नकार दिया था। ट्रंप ने दावा किया कि ये वार्ता कोई बड़ी बात नहीं थी। ट्रंप ने कहा, किम से मिलने-जुलने में सिर्फ मेरे दो दिन ही खर्च हुए थे। मुझे कुछ भी खोना नहीं पड़ा था।
किताब में आगे लिखा है- किम जोंग और ट्रंप के बीच पत्र के जरिए भी बातचीत हुई थी। किम जोंग ने ट्रंप को पत्र में 'योर एक्सीलेंसी' कहकर एड्रेस किया है। किम ने ट्रंप को लिखे पत्र में कहा है कि हम दोनों की दोस्ती एक जादुई ताकत की तरह आगे चलकर काम करेगी।
वुडवार्ड ने ये भी लिखा है कि उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तनाव को लेकर ट्रंप ने उनसे एक बातचीत में कहा था, "मैंने एक ऐसा परमाणु हथियार बनाया है जो दुनिया के किसी भी मुल्क के पास नहीं है।
हमारे पास ऐसा हथियार है जिसके बारे में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति सी जिनपिंग ने भी कभी नहीं सुना होगा। हमारे पास ऐसा कुछ है, वो अद्भुत है।"
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