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खून से सनी लड़कियां: कर रही इस फैशन ट्रेंड को फॉलो, हर कोई डर गया
इन दिनों जापान की सड़कों पर लड़कियां अजीबोगरीब मेकअप और कपड़े में नजर आ रही हैं और खून के धब्बों से सने कपड़े पहन रही हैं। इस फैशन को यामी कवई नाम दिया गया है।
लखनऊ: जापान में एक नया फैशन इन दिनों काफी ट्रेंड कर रहा है, जिसे यामी कवई (Yami kawaii) नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये फैशन डिप्रेशन (Depression) से जुड़ा हुआ है। इस फैशन की बात करें तो जापान में युवतियां बहुत ही अजीबोगरीब मेकअप और कपड़े में नजर आ रही हैं। केवल इतना ही नहीं महिलाएं खून के धब्बों से सने कपड़े पहन रही हैं।
बता दें कि जापान में बीते कुछ सालों में युवतियों में आत्महत्या (Suicide) की दर तेजी से बढ़ी है। तो चलिए जानते हैं कि खुदकुशी से इस फैशन यानी यामी कवई का क्या संबंध है-
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क्या है यामी कवई?
यामी कवई (Yami kawaii) दो जापानी शब्दों से मिलकर बना है- इसमें यामी का मतलब होता है बीमार और कवई का मतलब है क्यूट। वैसे तो यामी कवई टर्म 2015 में सबसे पहले सामने आया, लेकिन अब इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ रही है। फैशन के इस नए ट्रेंड के जरिए डिप्रेशन को बोलने का प्रयास किया जा रहा है।
इन दिनों जापान की सड़कों पर लड़कियां अजीबोगरीब मेकअप और कपड़े में नजर आ रही हैं और खून के धब्बों से सने कपड़े पहन रही हैं। साथ ही कलाई पर पट्टी से लेकर मौत की बात लिखी होती है। इसके द्वारा युवतियां ये बताने की कोशिश कर रही हैं कि उन्हें भी सुसाइड के ख्याल आ रहे हैं और उन्हें मदद की जरूरत है।
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(सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)
जापान में बढ़ी युवतियों में आत्महत्या की दर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी वजह युवतियों में बढ़ा डिप्रेशन और आत्महत्या है। बताया जा रहा है कि केवल अगस्त महीने के दौरान देशभर में एक हजार 854 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए थे। ये आंकड़ा पिछले साल के अगस्त से 16 फीसदी बढ़ा है। इसमें भी महिलाओं में सुसाइड की दर 40 फीसदी बढ़ी है।
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संवाद का जरिया बना ये फैशन
जापान जैसे देश में डिप्रेशन या आत्महत्या पर बात करना अच्छा नहीं माना जाता है, यही वजह है कि इसे एक्सप्रेस करने के लिए वहां के युथ ने यामी कवई नाम से यह फैशन निकाला है। लोग इस फैशन के जरिए बताना चाह रहे हैं कि वो अंदर से कितने ज्यादा परेशान हैं। युवा ना केवल अपने लिए बल्कि डिप्रेशन से जूझ रहे अन्य मरीजों के लिए भी वे इस फैशन को फॉलो कर रहे हैं। अगर सरल शब्दों में कहा जाए तो ये फैशन अब कम्युनिकेशन का एक माध्यम बन गया है।
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