ब्रिटेन: लेबर पार्टी की 84 साल में सबसे बुरी हार, कश्मीर मुद्दे पर किया था भारत का विरोध

ब्रिटेन में शुक्रवार को आम चुनाव के नतीजे आए। नतीजों में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सत्तासीन कंजरवेटिव पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है। कंजरवेटिव पार्टी ने 364 सीटों पर जीत हासिल की है, तो वहीं विपक्ष की लेबर पार्टी 203 सीटों पर सिमट गई है।

Dharmendra kumar
Published on: 13 Dec 2019 8:39 AM GMT
ब्रिटेन: लेबर पार्टी की 84 साल में सबसे बुरी हार, कश्मीर मुद्दे पर किया था भारत का विरोध
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नई दिल्ली: ब्रिटेन में शुक्रवार को आम चुनाव के नतीजे आए। नतीजों में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सत्तासीन कंजरवेटिव पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है।

कंजरवेटिव पार्टी ने 364 सीटों पर जीत हासिल की है, तो वहीं विपक्ष की लेबर पार्टी 203 सीटों पर सिमट गई है।

विपक्षी लेबर पार्टी अपनी कई पारंपरिक सीटें गंवा दी हैं। ब्रिटेन के आम चुनाव में 1987 के बाद से कंजरवेटिव पार्टी की यह सबसे बड़ी जीत है और लेबर पार्टी के लिए 1935 के बाद से यह बुरी हार है। एग्जिट पोल में भी 650 सीटों वाली संसद में कंजरवेटिव पार्टी को 368, लेबर पार्टी को 191, लिबरल डेमोक्रेट्स को 13, एसएनपी को 55 सीटें मिलती दिखाई गई थीं।

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इस चुनाव में हार के बाद लेबर पार्टी का नेतृत्व कर रहे जेरेमी कॉर्बिन ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नतीजों पर निराशा जताई है। जेरेमी कॉर्बिन ने कहा कि वे आगे किसी भी चुनाव में पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे। कॉर्बिन ने कहा कि सामाजिक न्याय का मुद्दा आगे भी जारी रहेगा। हम वापसी करेंगे। लेबर पार्टी का संदेश हमेशा मौजूद रहेगा।

बता दें कि इस चुनाव में माना जा रहा है कि कश्मीर का मुद्दा उठाने की वजह से भी लेबर पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है। इसलिए पार्टी को अपनी कई पारंपरिक सीटें गंवानी पड़ी हैं। इस चुनाव में हॉरो ईस्ट सीट से चुनाव जीतने वाले कंजरवेटिव पार्टी के बॉब ब्लैकमैन ने माना है कि चुनाव में कश्मीर मुद्दे ने बड़ा रोल निभाया। उन्होंने कहा कि इस वजह से भारतीयों ने कंजरवेटिव पार्टी को वोट दिया। कश्मीर मामले की वजह से हम कम से कम 10 सीटों पर जीते हैं।

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ब्रिटेन चुनाव में प्रवासी भारतीयों ने बड़ी भूमिका निभाई। पहले से ही कयास लग रहे थे कि ब्रिटिश हिंदू इस बार कंजरवेटिव पार्टी को वोट देंगे। असल में, ब्रिटेन के प्रवासी भारतीय लेबर पार्टी के खिलाफ इसलिए भी हैं, क्योंकि जेरेमी कॉर्बिन ने कश्मीर पर भारत विरोधी बयान दिए थे। भारतीय मूल लोगों का एक समूह 'प्रो इंडिया' कैंडिडेट्स के लिए चुनाव प्रचार किया। इस समूह ने 40 सीटों के लिए चुनाव प्रचार किया जिनमें से अधिकतर उम्मीदवार कंजरवेटिव पार्टी से थे।

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लेबर पार्टी ने सितंबर में पार्टी के वार्षिक सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर को लेकर आपातकालीन प्रस्ताव पारित किया था। वार्षिक सम्मेलन में पार्टी नेता जेरेमी कॉर्बिन ने भारत विरोधी बयना दिया था। कार्बिन ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत सरकार के फैसले के विरोध में प्रस्ताव पारित किया था, उन्होंने कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक तैनात करने के लिए कहा था। साथ ही कश्मीर में तनाव घटाने और भय-हिंसा को रोकने की नसीहत दी थी।

कॉर्बिन ने कहा था कि भारत सरकार को कश्मीर के लोगों को खुद का फैसला करने देना चाहिए। हालांकि ब्रिटेन सरकार का मानना है कि जम्मू-कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है।

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