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चीनी सैनिकों की मौत: भारत होता जा रहा मजबूत, सीमा पर कमजोर हुआ दुश्मन देश
लद्दाख सीमा पर पैंगोग झील के उत्तरी किनारे पर चीन की सेना पीएलए(PLA) को जनहानि का नुकसान झेलना पड़ रहा है। जी हां सीमा पर चीनी सैनिक अब कमजोर होते दिखाई दे रहे हैं। बीते हफ्ते एक चीनी सैनिक को निकाले जाते देखा गया है।
पेइचिंग: लद्दाख बॉर्डर पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(LAC) में अभी भीषण ठंड पड़नी शुरू नहीं हुई है, और चीनी सैनिकों के मनोबल गिरने लगे है। सीमा पर पैंगोग झील के उत्तरी किनारे पर चीन की सेना पीएलए(PLA) को जनहानि का नुकसान झेलना पड़ रहा है। बीते हफ्ते एक चीनी सैनिक को निकाले जाते देखा गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस इलाके में रात में अभी से ही ठंड जमा देने वाली होती जा रही है। जिसके चलते चीनी सैनिक ठंड को झेल नहीं पा रहे हैं और गिरते जा रहे हैं।
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5000 चीनी सैनिक मौजूद
लद्दाख में पैंगोग झील से लगी हुई 15 हजार से 16 हजार फुट ऊंची चोटियों पर करीबन 5000 चीनी सैनिक मौजूद हैं। इसी बारे में इससे पहले चीन ने दावा किया था कि उसने ठंड से निपटने के लिए अत्याधुनिक बैरक बनाए हैं जिसमें हमेशा तापमान गरम रहेगा। साथ ही चीनी सैनिक इसमें नहा भी सकेंगे।
इसके अलावा चीनी मीडिया ने ये भी दावा किया था कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(PLA) ने पहली बार अपने लद्दाख से लगे हुए तिब्बत के नागरी इलाके में भारी तोपें भी तैनात की हैं।
फोटो-सोशल मीडिया
सीमा पर तैयारियों को लेकर चीनी मीडिया ने कहा कि पीएलए 'युद्ध की तैयारियों' के तहत इसे अंजाम दे रही है। पुराने और अस्थाई बैरक की जगह पर सैनिकों के लिए नए तथा स्थायी बैरक का निर्माण किया जा रहा है।
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सैन्य सुविधाओं का बहुत तेजी से निर्माण
ऐसे में चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी ने ये नहीं बताया कि चीन ने इन बैरक का निर्माण कब शुरू किया और उसे बनाने में कितना समय लगा। लेकिन चीनी चैनल ने यह दावा किया कि कई नई तकनीकों की मदद से इन सैन्य सुविधाओं का बहुत तेजी से निर्माण किया गया है।
फोटो-सोशल मीडिया
दूसरी तरफ चीनी सेना पीएलए(PLA) ने भी नए बैरक की तस्वीर जारी की है। इस तस्वीर में कई विशाल इमारतें शामिल हैं। इसके अलावा तोपों को छिपाने के लिए कई बैरक भी बनाए गए हैं।
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तेजी से सैनिकों को इकट्ठा
चीनी चैनल सीसीटीवी ने कहा कि इन बैरक का मकसद युद्ध की तैयारी करना है। बैरक के अंदर हर चीज को चौड़ा बनाया गया है जिससे तेजी से सैनिकों को इकट्ठा किया जा सके।
आगे कहा- युद्ध के लिए जरूरी सामान के गोदाम और गैरेज को जोड़ा गया है, जिससे आपातकालीन स्थिति में तेजी से हथियारों को लोड करके सैनिकों को भेजा जा सके। इन नए बैरक के बनाए जाने से सैनिकों को आसानी से इलाके में ढलने का मौका मिलेगा। फिलहाल चीनी सेना कड़ाके की ठंड के आगे कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है।
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