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लॉकडाउन फिर से लागू: कोरोना की नयी लहर, इन देशों में हालात हुए खतरनाक

कोरोना के केस बढ़ने के पीछे दो मुख्या कारण हैं–एक तो लोगों लापरवाह होते चले गए हैं और बचाव के एहतियात आमतौर पर नहीं बरते जा रहे। लोगों का घूमना-फिरना और मौज मस्ती करना भी काफी बढ़ गया है। दूसरी वजह है मौसम का ठंडा होते जाना।

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Published on: 31 Oct 2020 1:58 PM IST
लॉकडाउन फिर से लागू: कोरोना की नयी लहर, इन देशों में हालात हुए खतरनाक
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लॉकडाउन फिर से लागू: कोरोना की नयी लहर, इन देशों में हालात हुए खतरनाक

नील मणि लाल

नई दिल्ली: यूरोप में कोरोना वायरस की दूसरी वेव आ गयी है। इसके चलते फ्रांस और जर्मनी में दोबारा लॉकडाउन लगा दिया गया है। जर्मनी में आंशिक लॉकडाउन रहेगा जबकि फ्रांस में लगभग पूर्ण। फ़्रांस में प्रति 1.38 सेकेण्ड पर एक केस आ रहा है जबकि प्रति 3 मिनट पर एक मौत हो रही है। इस तरह फ़्रांस अब अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर आ गया है। फ़्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा है कि देश संक्रमण की ऐसी दूसरी लहर से प्रभावित होने के खतरे का सामना कर रहा है जो पहली लहर के मुकाबले निश्चित रूप से और ज्यादा कठोर होगी। माक्रों ने कहा कि पूर्ण लॉक डाउन कम से कम नवंबर के अंत तक लागू रहेगा।

यूनाइटेड किंगडम में भी हालात फिर गंभीर

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फोन डेर लेयेन ने भी कहा कि यूरोप में स्थिति बहुत गंभीर है और यूरोपीय संघ को अपनी प्रतिक्रिया का स्तर और बढ़ाना पड़ेगा। यूनाइटेड किंगडम में भी हालात फिर गंभीर हो गए हैं, इसके अलावा स्पेन और इटली में भी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 30 अक्टूबर से शुरू नई पाबंदियों के तहत लोगों को सिर्फ आवश्यक काम और मेडिकल कारणों के लिए घर से बाहर निकलने की अनुमति मिलेगी। रेस्तरां और बार बंद रहेंगे, लेकिन स्कूल और फैक्टरियां खुली रहेंगी। फ्रांस में नई पाबंदियों के तहत लोगों को सिर्फ आवश्यक काम और मेडिकल कारणों के लिए घर से बाहर निकलने की अनुमति मिलेगी। राष्ट्रपति ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को फिर से थमने नहीं देना है।

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जर्मनी में आंशिक लॉक डाउन

कोरोना की नयी लहर से परेशान जर्मनी ने 2 नवम्बर से एक महीने तक आंशिक लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और जर्मनी के राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मिल कर इसका ऐलान किया है। आंशिक लॉकडाउन में रेस्तरां और बार बंद रहेंगे, खाना पैक करवा कर ले जाने की अनुमति होगी, थिएटर और सिनेमा भी बंद रहेंगे, स्वीमिंग पूल और जिम भी बंद रहेंगे, बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे। पर्यटन के लिए होटलों में रहने की अनुमति नहीं मिलेगी, सार्वजनिक मुलाकातों में अधिकतम 10 लोग शामिल हो पाएंगे, वो भी सिर्फ दो परिवारों से।

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बंद कंपनियों की कमाई का 75 प्रतिशत सरकार देगी

स्कूल, दुकानें और सीमाएं भी खुली रहेंगी। तालाबंदी से प्रभावित होने वाले छोटी कंपनियों के नवंबर की कमाई का 75 प्रतिशत तक सरकार देगी। चांसलर मैर्केल ने कहा है कि देश की स्वास्थ प्रणाली अभी तो संक्रमण के मामलों का भार उठाने में सक्षम है लेकिन अगर वायरस ऐसे ही फैलता रहा तो कुछ ही हफ्तों में स्वास्थ्य प्रणाली उसके सामने कमजोर पड़ जाएगी।

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कोरोना की पीक पर शांत था यूरोप

मार्च, अप्रैल, मई के महीनों में पूरे यूरोप में रोजाना 35 से 38 हजार केस आ रहे थे। जब अमेरिका और उसके बाद भारत में तेजी से केस बढ़ने लगे और ये देश कोरोना के एपिसेंटर बन गए तो यूरोप में स्थिति कंट्रोल में दिखने लगी। जून से अगस्त तक यूरोप में रोजाना 20 हजार से भी कम केस आये। लेकिन पिछले एक महीने से यूरोप में अचानक तेजी से केस बढ़े हैं। यूरोप में कोरोना की दूसरी लहर पहले वाली से ज्यादा भयानक है 29 अक्टूबर को यूरोप में एक दिन में ढाई लाख केस आये।

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अमेरिका की बात करें तो जून–जुलाई में वहां रोजाना 30 हजार के आसपास केस आ रहे थे लेकिन अगस्त-सितम्बर में इनकी संख्या घट गयी। लेकिन नयी लहर में अब रोजाना 88 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं।

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सावधानी हटी दुर्घटना घटी

यूरोप और अमेरिका में कोरोना के केस बढ़ने के पीछे दो मुख्या कारण हैं–एक तो लोगों लापरवाह होते चले गए हैं और बचाव के एहतियात आमतौर पर नहीं बरते जा रहे। लोगों का घूमना-फिरना और मौज मस्ती करना भी काफी बढ़ गया है। दूसरी वजह है मौसम का ठंडा होते जाना। ठण्ड बढ़ने से वायरस ज्यादा समय तक एक्टिव रह रहा है और वृद्ध लोग अब घरों के भीतर ज्यादा रह रहे हैं। इसका भी संक्रमण फैलने में बड़ा योगदान है।

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