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मैक्सिको ने गैरकानूनी तरीके से अमेरिका जाने वाले 311 भारतीयों को वापस भेजा
वाशिंगटन : मेक्सिको ने हाल ही में 311 भारतीय लोगों को वापस भेज दिया। ये लोग गैरकानूनी तरीके से सीमा पार कर अमेरिका जाने की फिराक में थे। भारत आने के बाद इन लोगों ने बताया कि अमेरिका में घुसने के लिए इन लोगों ने मानव तस्करों को 20 से 50 लाख रुपए दिए थे। इनमें से ज्यादातर भारत से पहले इक्वाडोर पहुंचे फिर कोलंबिया, पनामा और होंडुरास होते हुए आखिरकार मेक्सिको पहुंचे।
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अवैध तरीके से अमेरिका घुसने की कोशिश
अमेरिकी कस्टम एंड बॉर्डर पेट्रोल के मुताबिक 2018 में मेक्सिको के रास्ते अवैध तरीके से अमेरिका घुसने की कोशिश में करीब 9000 भारतीय लोगों को पकड़ा गया। 2017 के मुकाबले यह संख्या करीब तीन गुनी ज्यादा है। २००७ में मात्र १८८ भारतीय पकड़े गए थे।
इसी साल अमेरिका की दक्षिण पश्चिमी सीमा के रास्ते अवैध तरीके से देश में घुसते पकड़े जाने वालों में सबसे बड़ा समुदाय भारतीयों का था। अमेरिका की आप्रवासन विशेषज्ञ और रिसर्च कॉर्डिनेटर कायेतलिन येत्स का कहना है कि ज्यादातर भारतीय जो लैटिन अमेरिका जाते हैं वो इक्वाडोर या ब्राजील के रास्ते मेक्सिको पहुंचते हैं। क्योंकि इन दो देशों में वीजा के कानून कमजोर हैं। यहां से ये लोग उत्तर की तरफ हाईवे के रास्ते से बढऩा शुरू करते हैं और कोलंबिया और मध्य अमेरिका से होते हुए अमेरिकी सीमा पर पहुंचते हैं। इनमें से ज्यादातर आप्रवासी आमतौर पर आर्थिक मौके की तलाश में या फिर अपने परिवार के सदस्यों के साथ रहने के लिए यहां आते हैं। पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से आने वाले कई आप्रवासियों ने कहा कि वो धार्मिक उत्पीडऩ से बचने के लिए आए हैं जबकि कुछेक लोग राजनीतिक दमन की भी बात कहते हैं। अमेरिका में कैलिफोर्निया में इमीग्रेशन मामलों के वकील दीपक आहलूवालिया ने मीडिया को बताया कि भारत के राजनीतिक असंतुष्ट, अल्पसंख्यक और समलैंगिक समुदाय के लोग दूसरे देशों में शरण पाने की सबसे ज्यादा कोशिश करते हैं।
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पांच गुना बढ़ी तादाद
लैटिन अमेरिका में भारतीय आप्रवासियों की तादाद पिछले पांच सालों में कई गुना बढ़ गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अवैध आप्रवासियों को नहीं रोक पाने के लिए मेक्सिको पर आयात शुल्क लगाने की धमकी दी है तब मेक्सिको के अधिकारी इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर हुए हैं। इस वजह से भारतीय आप्रवासी असुरक्षित हो गए हैं। ज्यादातर भारतीय अब अमेरिका की सीमा में आधिकारिक बंदरगाहों के बाहर से प्रवेश कर रहे हैं। अमेरिकी सीमा अधिकारियों के अनुसार अक्टूबर 2018 से मार्च 2019 तक सीमा पर 2,68,044 आप्रवासी हिरासत में लिए गए थे।
परिवारवालों की जिंदगी भी खतरे में
अनाधिकृत रास्तों का इस्तेमाल करने वाले आप्रवासी न सिर्फ अपनी बल्कि अपने परिवारवालों की जिंदगी भी खतरे में डाल देते हैं। ऐसा ही एक मामला छह साल की गुरुप्रीत कौर के साथ हुआ जो एरिजोना के मरुस्थल में अपनी मां के साथ सीमा पार करते हुए प्यास से मर गई। हाल ही में भारत भेजे गए भारतीय लोगों ने इक्वाडोर से अमेरिकी सीमा तक की अपनी यात्रा को 'भयानक' बताया। इन्होंने जंगल में पड़ी लाशें देखीं जो शायद उन लोगों की थी जो मानव तस्करों की मदद से अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश में थे। वापस आने वाले दूसरे लोगों का कहना है कि अब वे कभी वहां नहीं जाएंगे।