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तुर्की के राष्ट्रपति को मिला ट्रंप का निमंत्रण, इस दिन बढ़ा सकते हैं व्हाइट हाउस की शोभा
अमेरिका व तुर्की का करीब आना भविष्य के लिए सुखद संकेत दे रहे है। बुधवार 6 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने 13 नवंबर को वाशिंगटन आने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि वह तुर्की राष्ट्रपति से मिलने के लिए उत्साहित है
जयपुर :अमेरिका व तुर्की का करीब आना भविष्य के लिए सुखद संकेत दे रहे है। बुधवार 6 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने 13 नवंबर को वाशिंगटन आने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि वह तुर्की राष्ट्रपति से मिलने के लिए उत्साहित है। दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई। तुर्की ने इस्लामिक स्टेट के नेता अबू बकर अल बगदादी की पत्नी को पकड़ने का दावा किया था। इसके बाद ही दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन से फोन पर हुई बात और उसके बाद वो अमेरिका जाने के लिए राजी है। कई सालों से तुर्की अमेरिका का दुश्मन था। अमेरिकी नीतियों पर कई सवाल खड़ा करते हैं। पहला वाशिंगटन की नीतियों में यह बदलाव क्यों आया। तुर्की के प्रति वाशिंगटन ने यह नरम रवैया क्यों अपनाया। क्या तुर्की अमेरिका के अनुकूल हो गया है ।
तुर्की के प्रति अमेरिका का नजरिया बदलना अचानक से नहीं है। इसके पीछे उत्तर सीरिया के प्रति अमेरिकी नीतियों में बदलाव है। उत्तर सीरिया से अमेरिका अपने सैनिकों को हटाना चाहता है। तुर्की को पक्ष में लिए बिना वहां से अमेरिकी सैनिकों का वहां से हटाना असंभव है।
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अमेरिका ने तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए। इतना ही नहीं अमेरिका ने युद्ध की धमकी दी। ट्रंप ने तो यहां तक कह दिया था कि तुर्की बाज नहीं आया तो भूगोल से उसका अस्त्तिव ही खत्म हो जाएगा। लेकिन सारे हथकंडे बेअसर रहें। इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने अपनी नीतियों में बदलाव लाया है।
अमरीकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने तुर्की की यात्रा की थी। यह यात्रा सीरिया में संघर्ष विराम को लेकर 19 अक्टूबर को थ। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने तुर्की के राष्ट्रपति से मुलाकात कर शांति के लिए आग्रह किया था जो निष्फल रहा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की को पत्र के जरिए चेतावनी दी थी। उन्होंने लिखा कि 'मूर्ख मत बनो.. होश में आ जाओ.. वरना सजा भुगतने को तैयार रहो।' ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति को उस वक्त खत लिखा है जब रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने फोन करके एर्दोगन को सीरिया संघर्ष सुलझाने के लिए सुझाव दिया था।