×

जज्बा: देश को कोरोना से बचाने के लिए 'मिस सुंदरी' फिर से बनी डॉक्टर

दुनियाभर कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। संकट की इस घड़ी में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने जान की परवाह किये बिना करोना मरीजों की सेवा कर रहे हैं....

Ashiki
Published on: 9 April 2020 5:48 PM GMT
जज्बा: देश को कोरोना से बचाने के लिए मिस सुंदरी फिर से बनी डॉक्टर
X

नई दिल्ली: दुनियाभर कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। संकट की इस घड़ी में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने जान की परवाह किये बिना करोना मरीजों की सेवा कर रहे हैं। इन्हीं कोरोना वॉरियर्स में से एक हैं इंगलैंड की रहने वाली भाषा मुख़र्जी। भाषा मुख़र्जी मिस इंगलैंड रह चुकी हैं। पिछले साल अगस्त में ही इन्होंने मिस इंगलैंड का ताज पहना था। लेकिन भाषा मुखर्जी ने अब यह ताज उतार दिया है। इसलिए नहीं कि कोई नई मिस इंगलैंड चुन ली गई हो। बल्कि इसलिए ताकि वो कोरोना वायरस की इस लड़ाई में अपने देश का साथ दे सकें। दरअसल मिस इंगलैंड से पहले वो डॉक्टर थी। और अब वो अपने दूसरे साथी डॉक्टर्स के साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ेंगी।

ये भी पढ़ें: ‘कोरोना वॉरियर्स’ को सितारों ने दिल से बोला थैंक यू, कहा- आपका योगदान अतुलनीय है

जब स्कूल में बच्चों ने कहा- आवारा बनकर क्यों आई हो?

भाषा भारत की मूल मिवासी हैं। 9 साल की थीं, जब कोलकाता से उनके मम्मी-पापा इंगलैंड शिफ्ट हो गए। वहां पर उनके पापा शेफ का काम करते थे, मम्मी दुकान चलाती थीं। वहां उन्हें एडजस्ट करने में बहुत दिक्कत आई। भाषा ने एक इंटरव्यू में बताया, ‘हम जब इंग्लैंड आए, तो चीज़ें बहुत अलग थीं। आर्थिक दिक्कतें बहुत थीं। मेरा पूरा परिवार एक ही कमरे में सोता था। और वो घर हम दूसरे परिवारों के साथ शेयर करते थे। चैरिटी शॉप्स से कपड़े खरीदा करते थे हम। इस वजह से स्कूल में भी मुझे बहुत बुली किया जाता था।

ये भी पढ़ें:कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सनराइजर्स हैदराबाद ने बढ़ाया हाथ, दिए इतने करोड़ रूपये

मुझे आज भी वर्ल्ड बुक डे का वो दिन याद है जिस दिन स्कूल ड्रेस नहीं पहननी होती। बच्चे अपने पसंदीदा कैरेक्टर वाले कपड़े पहन कर जाते थे। हम वो कपड़े नहीं खरीद सकते थे। तो मैं नॉर्मल कपड़े पहनकर स्कूल गई थी। उस दौरान एक बच्चे ने मुझसे कहा कि आवारा बनकर क्यों आई हो? इन सबसे बचने के लिए मैंने लाइब्रेरी का सहारा लिया। वहीं बैठकर सारा समय पढ़ती रहती थी। हमेशा यही कोशिश करती रहती कि कैसे बेहतर नंबर ला पाऊं जिससे मेरे टीचर्स मुझसे खुश रहें।'

चैरिटी के लिए काम किया

स्कूल में उनके बेहतरीन नंबर की वजह से उन्हें नॉटिंगहॅम यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल गया। जहां पर उन्होंने मेडिकल साइंस, मेडिसिन, और सर्जरी में डिग्री ली। लेकिन उनके लिए ये आसान नहीं था। कॉलेज में उन्हें डिप्रेशन का भी सामना करना पड़ा। इससे डील करने के लिए उन्होंने मॉडलिंग शुरू कर दी। चैरिटी के लिए काम किया। साथ-साथ पढ़ाई भी करती रहीं।

दिसंबर में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता हुई थी जिसमें भाषा इंगलैंड को रिप्रेजेंट करने गई थीं। चैरिटी के काम के लिए भाषा मार्च में भारत आईं। लेकिन जब वो यहां थीं, तब उन्हें लगातार मैसेज मिल रहे थे इंगलैंड से। उनके साथ के डॉक्टर्स उन्हें बता रहे थे कि हालात कितने खराब हैं। ऐसे में अपने पुराने हॉस्पिटल से उन्होंने कॉन्टैक्ट किया। कहा कि वो काम पर वापस आना चाहती हैं। भाषा ने निर्णय लिया कि इस वक़्त वो एक डॉक्टर के तौर पर अपने देश के लिए ज़्यादा काम कर सकती हैं। जिसके बाद ब्रिटिश हाई कमीशन ने इंतजाम करके उन्हें भारत से यूके भेजा। इस वक़्त सेल्फ आइसोलेशन में हैं। जैसे ही इससे निकलेंगी, डॉक्टर का अपना रोल दोबारा निभाएंगी।

ये भी पढ़ें: अलीगढ़ में भी मिला कोरोना पॉजिटिव मरीज, ये भी है जमाती, प्रशासन में मचा हड़कंप

Ashiki

Ashiki

Next Story