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सऊदी अरब को भारत की दो टूकः रिश्तों पर असर, करारा जवाब देंगे मोदी

बता दें कि भारत ने ईरान से तेल आयात बंद कर सऊदी से बढ़ा दिया था। और उम्मीद लगाई थी कि सऊदी बड़े खरीदार के तौर पर भारत को रियायत देगा।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 18 March 2021 6:21 PM IST
सऊदी अरब को भारत की दो टूकः रिश्तों पर असर, करारा जवाब देंगे मोदी
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सऊदी अरब के इनकार मूड में मोदी सरकार

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान से पिछले हफ्ते ही फोन पर बात हुई थी। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने का संकल्प लिया था।

मोदी की बातचीत

पीएम मोदी और क्राउन प्रिंस की बात तब हुई, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दो टूक कह दिया कि वह सऊदी अरब में अपने समकक्ष यानी किंग सलमान से ही बात करेंगे ना कि किंग सलमान के बेटे क्राउन प्रिंस से। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि क्राउन प्रिंस सऊदी अरब के रक्षा मंत्री हैं और उनके समकक्ष अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन हैं।

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व्यापारिक रिश्ते मजबूत

अगर क्राउन प्रिंस को बात करनी है तो वे रक्षा मंत्री से बात करेंगे ना कि सीधे राष्ट्रपति बाइडेन से । सऊदी से वो रिश्ते नहीं हैं, जो ट्रंप के कार्यकाल में थे। बाइडेन सऊदी पर लगाम कसना चाहते हैं। लेकिन भारत के लिए सऊदी अरब को लेकर बाइडेन की तरह कोई स्टैंड लेना आसान नहीं है। मोदी सरकार के कार्यकाल में दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते मजबूत हुए हैं। सऊदी अरब ने कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान का साथ ना देकर अप्रत्यक्ष रूप से भारत की मदद की।

सऊदी अरब और भारत के संबंधों में तनाव तेल की बढ़ती कीमतों ने ला दिया है। पिछले महीने भारत ने सऊदी अरब से तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा था ताकि तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम हो सके। सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अजीज से भारत के अनुरोध के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कह दिया था कि भारत ने पिछले साल सस्ते में जो तेल खरीदा था, उस तेल को पहले खर्च करें। सऊदी का यह बयान भारत के लिए झटका था।

तेल उत्पादन में कटौती

सऊदी अरब खुद से ही तेल उत्पादन में कटौती कर रहा है जिससे वैश्विक कीमतें बढ़ रही हैं। ओपेक प्लस ने भी अप्रैल तक तेल उत्पाद में कटौती जारी रखने का फैसला किया था। सऊदी अरब का कहना है कि भारत ने रणनीतिक रूप से जिन स्टोर में तेल सुरक्षित रखा है, उसका इस्तेमाल करें। भारत ने फैसला लिया कि वो अब तेल आयात के मामले में मध्यपूर्व पर निर्भरता कम करेगा। कंपनियां मई महीने से इस पर अमल करने लगेंगी। फरवरी महीने में मध्यपूर्व से भारत का तेल आयात पिछले 22 महीनों में सबसे निचले स्तर पर आ गया। फरवरी में अमेरिका भारत में इराक के बाद दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है।

pm modi

तेल पर निर्भरता कम करने पर विचार

बता दें कि भारत ने ईरान से तेल आयात बंद कर सऊदी से बढ़ा दिया था। और उम्मीद लगाई थी कि सऊदी बड़े खरीदार के तौर पर भारत को रियायत देगा। मोदी सरकार खाड़ी के देशों के तेल पर निर्भरता कम करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड, मई महीने में 1.8 करोड़ बैरल तेल का उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रही हैं।

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तेल की रिफाइनरी क्षमता

हर दिन 50 लाख बैरल तेल की रिफाइनरी क्षमता है और इन पर सरकारी कंपनियों का 60 फीसदी पर नियंत्रण है। भारत की सरकारी कंपनियां एक महीने में एक करोड़ 48 लाख बैरल तेल का आयात करती हैं। तेल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए भारत के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तेल उत्पादक देश देशों ओपेक और ओपेक प्लस से कहा था कि वे तेल उत्पादन की सीमा को खत्म करें ताकि कीमतें नियंत्रण में रहें।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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