×

यहां धरती ने उगली बच्चों की खोपड़ियां, नजारा देख मचा हड़कंप, खौफ में इलाका

एक सड़क की खुदाई के दौरान उस समय हड़कंप मच गया जब खुदाई के दौरान सैकड़ों नरकंकाल मिले। काम कर रहे लोगों के होश उड़ गए जब मिट्टी और पत्थरों की जगह अचानक एक के बाद एक खोपड़ियों के साथ नरकंकाल निकलने लगा

Dharmendra kumar
Published on: 30 Jun 2020 10:30 PM IST
यहां धरती ने उगली बच्चों की खोपड़ियां, नजारा देख मचा हड़कंप, खौफ में इलाका
X

नई दिल्ली: एक सड़क की खुदाई के दौरान उस समय हड़कंप मच गया जब खुदाई के दौरान सैकड़ों नरकंकाल मिले। काम कर रहे लोगों के होश उड़ गए जब मिट्टी और पत्थरों की जगह अचानक एक के बाद एक खोपड़ियों के साथ नरकंकाल निकलने लगा। सड़क की खुदाई में एक, दो नहीं बल्कि 115 कंकाल मिले हैं, जिनमें से अधिकतर बच्चों के हैं और उनके मुंह में सिक्के पाए गए हैं।

दरअसल, जहां सड़क बनाई जा रही थी, वहां 16वीं शताब्दी का एक प्राचीन कब्रिस्तान एक जंगल में पाया गया है जिसे सड़क बनाने के लिए हटाया जा रहा था। यह जगह महत्वपूर्ण सड़क परियोजना में शामिल है जिसका जाल ग्रीस से लिथुआनिया तक फैला है।

कब्र से जितने भी अवशेष पाए गए हैं उनमें कम से कम 70 प्रतिशत कंकाल बच्चों के थे। ये सभी अवशेष 16वीं शताब्दी के हैं। जानकारों के मुताबिक 16 वीं शताब्दी में मृतक लोगों के मुंह में सिक्के रखे जाते थे, क्योंकि ऐसी मान्यता थी कि जीवित और मृत लोगों की दुनिया को विभाजित करने वाली नदी के पार आत्मा को लाने के लिए भुगतान के रूप में इस्तेमाल हो सके।

यह भी पढ़ें...शर्मनाक: नीचे कमरे में कई दिनों से पड़ी थी मां की लाश, चौथी मंजिल पर रह रहा था बेटा

पोड्कर्पोकी प्रांत के निस्को शहर के पास जियोव में इन अवशेषों की जानकारी मिली है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल रोड्स एंड मोटरवेज के जनरल डायरेक्टर ने कहा कि कुल 115 कंकाल हैं और 'पुरातात्विक टिप्पणियों के आधार पर, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि जितने भी कंकाल मिले हैं उनमें से 70 से 80 फीसदी बच्चे के शामिल हैं।

यह भी पढ़ें...रामदेव की ‘कोरोना दवा’ पर हाईकोर्ट का केंद्र को नोटिस, कहा- कल ही दें जवाब

16 वीं शताब्दी के अंत में एक कब्रिस्तान के लिखित खातों और किंवदंतियों के आधार पर माना जा रहा है कि एक सामूहिक कब्र नहीं थी, लेकिन इन कंकालों को सावधानीपूर्वक दफनाया गया था।

यह भी पढ़ें...CM ममता बनर्जी का बड़ा एलान: हो जाएं बेफिक्र, एक साल तक मिलेगा ये लाभ

पुरातत्वविद् यह देखकर हैरान थे कि सभी अवशेषों की पीठ जमीन पर थी, एक हाथ अपने दूसरे हाथ पर रखे हुए थे और उनके मुंह में अभी कुछ सिक्के रखे गए थे। इन 'सिक्कों को मृतकों का मोटल या ओबोल कहते हैं जो एक बेहद पुरानी ईसाई परंपरा है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story