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NASA की बड़ी भविष्यवाणी: 2024 में होगा ऐसा, दुनिया सिर उठाकर देखती रह जाएगी

नासा ने कहा कि वह 2024 में चंद्रमा पर पहली महिला और एक पुरुष एस्ट्रॉनॉट को उतारेगा। इसके लिए योजना बनाई गई है और उस पर काम भी शुरू कर दिया गया है।

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Published on: 22 Sept 2020 3:42 PM IST
NASA की बड़ी भविष्यवाणी: 2024 में होगा ऐसा, दुनिया सिर उठाकर देखती रह जाएगी
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उन्होंने ये भी कहा कि यदि क्रिसमस के पहले अमेरिकी कांग्रेस 3.2 अरब डॉलर की मंजूरी देती है तो हम चांद पर अपने अभियान को पूरा कर पाएंगे।

नई दिल्ली: नासा ने कहा कि वह 2024 में चंद्रमा पर पहली महिला और एक पुरुष एस्ट्रॉनॉट को उतारेगा। इसके लिए योजना बनाई गई है और उस पर काम भी शुरू कर दिया गया है।

इस परियोजना पर करीब 28 अरब डॉलर खर्च होगा। बता दें कि नासा ने साल 1972 के बाद पहली बार चांद पर इंसान को भेजने की योजना बनाई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नासा के प्रशासक के. जिम ब्रिडेनस्टीन ने कहा कि हम चांद पर वैज्ञानिक खोज, आर्थिक लाभ और नई पीढ़ी के खोजकर्ताओं को प्रेरणा देने के लिए चांद पर एक बार फिर से कदम रखने जा रहे हैं।

इसके लिए पूरी प्लानिंग कर ली गई है। इस परियोजना को पूरा करने में करीब 28 अरब डॉलर का खर्च आएगा। जिसके लिए अमेरिकी कांग्रेस से बजट को मंजूरी जरूरी है।

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ट्रंप जता चुके हैं सहमति, अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी का इंतजार

उन्होंने ये भी बताया कि चांद पर मिशन को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सहमति दे दी हैं।

जिसके बाद से नासा 2024 में चांद पर लैंडिंग को लेकर अपने कदम आगे बढ़ा चुकी है। वह बिल्कुल सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

उन्होंने ये भी कहा कि यदि क्रिसमस के पहले अमेरिकी कांग्रेस 3.2 अरब डॉलर की मंजूरी देती है तो हम चांद पर अपने अभियान को पूरा कर पाएंगे।

उन्होंने मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस बार इस मिशन का नाम अर्टेमिस रखा गया है और यह कई स्टेप में होगा। पहला चरण मानव रहित ओरियन स्पेसक्राफ्ट से नवंबर 2021 में शुरू होगा।

मिशन के दूसरे और तीसरे चरण में एस्ट्रॉनॉट चांद के आसपास चक्कर करेंगे और चांद की सतह पर उतरेंगे। अपोलो 11 मिशन की तरह अर्टेमिस मिशन भी एक सप्ताह तक चलेगा और उस दौरान एस्ट्रॉनॉट एक हफ्ते तक चांद की सतह पर वर्क करेंगे।

Space अन्तरिक्ष की फोटो(सोशल मीडिया)

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इस बार पहले से अलग चीजें खोजी जाएंगी

उन्होंने ये भी बताया कि इस मिशन के तहत एकदम नए तरह की चीजों की खोज की जाएगी, चांद पर जो वैज्ञानिक काम हम करेंगे वह पहले मिशन में किए गए कामों से बिल्कुल भिन्न होगा।

अपोलो मिशन के समय में हमें लगता था कि चांद सूखा है लेकिन अब हमें पता है कि चांद के साउथ पोल पर भारी मात्रा में पानी है।

आगे बताया कि इस वक्त तीन लूनर लैंडर के निर्माण के लिए परियोजनाएं चल रही हैं, जो अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएगा। लैंडर की दावेदार ब्लू ओरिजिन अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की कंपनी है।

दूसरा लैंडर एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स बना रही है और तीसरी कंपनी का नाम डाइनेटिक्स है। ये तीनों कंपनियां ही लूनर लैंडर का निर्माण कर रही हैं।

1969 में अपोलो 11 मिशन के तहत पहली बार एस्ट्रॉनॉट चांद पर उतरे थे

उन्होंने बताया कि 1969 में अपोलो 11 मिशन के तहत पहली बार एस्ट्रॉनॉट चांद पर उतरे थे। अर्टेमिस मिशन अपोलो 11 मिशन से लंबा होगा और इसमें पांच के करीब एक्ट्राव्हीकुलर एक्टिविटिस होंगी।

नासा के मुताबिक चंद्रमा के अनछुए साउथ पोल पर अंतरिक्षयान की लैंडिंग करेगा। ब्रिडेनस्टीन ने कहा कि इसके अलावा किसी और चीज की चर्चा नहीं हुई है।

अपोलो 11 मिशन के तहत चंद्रमा की भूमध्य रेखा पर जिस तरह से अब तक पहले के अंतरिक्ष यात्रियों ने लैडिंग की है उसी तरह से नए अंतरिक्ष यात्री भी लैंड करेंगे, इन संभावनाओं उन्होंने साफ इंकार कर दिया है।

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