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सूरज बचाएगा कोरोना से: आ गया ये नक्शा, वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी

ऐसा पहली बार हुआ है जब वैज्ञानिकों ने सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड का पूरा नक्शा बनाया है। इस सफलता से अब सूरज के चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) की सटीक जानकारी मिलने में मदद मिलेगी।

Shreya
Published on: 27 Aug 2020 9:30 AM GMT
सूरज बचाएगा कोरोना से: आ गया ये नक्शा, वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी
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Map of solar corona

नई दिल्ली: ऐसा पहली बार हुआ है जब वैज्ञानिकों ने सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड का पूरा नक्शा बनाया है। इस सफलता से अब सूरज के चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) की सटीक जानकारी मिलने में मदद हो सकेगी। इसके अलावा 'कोरोना' यानी सूर्य के बाहरी परत से निकलने वाली खतरनाक किरणों से बचने में भी मदद मिल सकेगी।

संचार के तरंगों को भी बचाने में मिलेगी मदद

इसके अलावा वैज्ञानिकों को मिली इस सफलता से सूरज के बाहरी परत (कोरोना) से आने वाले सौर तूफान और रेडिएशन (Solar Storm And Radiation) की सही मात्रा मापकर धरती और उसके चारों ओर फैले संचार के तरंगों को भी बचाने में मदद मिलेगी। साथ ही कोरोना में होने वाले बदलावों की वजह से उत्पन्न होने वाले सोलर रेडिएशन और विस्फोटों से धरती को पहुंचने वाले नुकसान का अंदाजा अब पहले ही लगाया जा सकेगा।

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वैज्ञानिकों ने तैयार किया चुंबकीय क्षेत्र का पूरा नक्शा

तमाम देशों के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जरवेटरी में सूरज के कोरोना से निकलने वाले चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) का पूरा नक्शा तैयार किया है। जिससे सूर्य के चारों तरफ के चुंबकीय क्षेत्र के 35 हजार किमी से लेकर 2.50 लाख किमी तक के दायरे की प्रभावी मैपिंग की जा सकेगी।

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Coronal magnetic field

एस्ट्रोनॉट्स को रेडिएशन से बचाने में मिलेगी मदद

सात अगस्त को यह रिपोर्ट ‘द साइंस जर्नल’ में प्रकाशित हुई है। इस बाबत NASA के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह मैप इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि आजकल अधिकांश काम उपग्रह आधारित प्रणाली (Satellite based system) पर काम करते हैं। जैसे- मोबाइल, टीवी, जीपीएस, डिफेंस, कृषि और यातायात।

कोरोना में होने वाली हलचलों के चलते निकलने वाले रेडिएशन से कई बार इनमें रुकावट आती है। इसे रोका जा सकेगा। नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे स्पेस में काम कर रहे एस्ट्रोनॉट्स को रेडिएशन से बचाने में मदद मिलेगी।

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इसलिए सूरज पर होते हैं बड़े-बड़े धमाके

दरअसल, कोरोना यानी सूर्य की बाहरी परत प्लाज्मा की तरह एक लिजलिजी परत होती है। जिसमें इलेक्ट्रॉन्स की सघनता कम या ज्यादा होने पर सूरज पर बड़े-बड़े धमाके होते हैं। सूर्य पर होने वाले इन धमाकों की वजह से निकलने वाले सौर तूफान भारी मात्रा में रेडिएशन के साथ धरती की ओर बढ़ते हैं। सूर्य से निकलने वाला रेडिएशन ना केवल धरती बल्कि पूरे सौर मंडल के मैग्नेटिक फील्ड को हिलाकर रख देता है।

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कनाडा के क्यूबेक में भी हुआ था ऐसा

साल 1989 में कनाडा के क्यूबेक में जो ब्लैक आउट हुआ था, वो भी सूर्य में हुए धमाके की वजह से निकले रेडिएशन और सौर तूफान की वजह से ही हुआ था। इन धमाकों के चलते ही क्यूबेक के सारे इलेक्ट्रिक ग्रिड और बड़े-बड़े ट्रांसफॉर्मर्स जल गए थे। तब से ही वैज्ञानिक सौर तूफानों और रेडिएशन से बचने व उनके आने के पूर्वानुमान को पुख्ता करने में जुटे हुए थे।

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