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धरती के करीब ऐस्टरॉयड: तबाही की वैज्ञानिकों को नहीं भनक, जानें क्या रही वजह
13 नवंबर को जब एक ऐस्टरॉयड धरती के बेहद करीब से गुजरा तो स्पेस एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी। यह धरती से केवल 300 मील से भी कम दूरी से गुजरा था।
नई दिल्ली: जब कभी भी ऐस्टरॉयड से धरती को खतरा होता है या ऐस्टरॉयड धरती के बगल से गुजरने वाला होता है तो वैज्ञानिक पहले ही सबको चेता देती हैं। लेकिन 13 नवंबर को जब एक ऐस्टरॉयड धरती के बेहद करीब से गुजरा तो स्पेस एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी। बताया जा रहा है कि 2020VT4 नाम का यह ऐस्टरॉयड धरती से 300 मील से भी कम दूरी से गुजरा था। 2020VT4 13 नवंबर को 250 मील यानी 400 किलोमीटर दूर से गुजरा और वैज्ञानिकों को पता भी नहीं चला।
स्पेस एजेंसियों को नहीं हुई खबर
ATLAS को भी ऐस्टरॉयड के धरती से बाहर निकलने के बाद ही इस बारे में पता चला था। इसके पीछे की वजह इस ऐस्टरॉयड का Blind Spot से आना था। बताया जा रहा है कि यह ऐसी जगह से आया था, जिसे ब्लाइंड स्पॉट कहा जाता है। यानी यह ऐस्टरॉयड सूरज की दिशा से आया था। खगोलविदों (Astronomers) का कहना है कि यह ऐस्टरॉयड धरती से इतनी कम दूरी पर था कि धरती के गुरुत्वाकर्षण ने इसकी कक्षा को बदल दिया।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
अभी कई और बार धरती के बगल से गुजरेगा ऐस्टरॉइड
इस बारे में ऐस्ट्रोनॉमर्स टोनी डन ने बताया कि हाल ही में खोजा गया A10sHcN ऐस्टरॉइड धरती के बहुत नजदीक से गुजर गया। यह दक्षिण प्रशांत महासागर के ऊपर से गुजरा था। उन्होंने बताया कि यह ऐस्टरॉयड अभी कई बार धरती के बगल से गुजरेगा। हालांकि बताया जा रहा है कि इससे धरती को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।
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धरती पर इसके गिरने से नहीं होगा कोई खतरा
कहा जा रहा हैकि अगर यह ऐस्टरॉयड धरती के वायुमंडल में दाखिल भी होता है तो यह तुरंत जलकर टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा। इसके धरती पर गिरने से कोई खतरा नहीं होगा। इस ऐस्टरॉयड का आकार पांच से दस मीटर के बीच बताया जा रहा है। बता दें कि अगर तेज स्पीड ऑब्जेक्ट के धरती से 46.5 लाख मील से नजदीक आने की आशंका होती है तो उसे स्पेस एजेंसियां खतरनाक मानती हैं।
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बता दें कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) का Sentry सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है। अभी 100 सालों के लिए आने वाले फिलहाल 22 ऐस्टरॉइड्स के धरती से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है।
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