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चीन का नेपाल पर कब्जा: सियासी घमासान से खतरे में कुर्सी, प्रचंड दहलाने को तैयार
एक तरफ नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर रविवार को प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया गया। दूसरी तरफ सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी दो हिस्सों में बंट गई है। जिसमें से पार्टी का एक हिस्सा केपी शर्मा ओली के समर्थन में अभी खड़ा है जबकि दूसरा हिस्सा पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के साथ जाने को तैयार है।
नई दिल्ली: नेपाल में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। एक तरफ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर रविवार को प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया गया। दूसरी तरफ सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी दो हिस्सों में बंट गई है। जिसमें से पार्टी का एक हिस्सा केपी शर्मा ओली के समर्थन में अभी खड़ा है जबकि दूसरा हिस्सा पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' (Pushpa Kamal Dahal) के साथ जाने को तैयार है। लेकिन नेपाल की राजनीति में अब चीन ने अपनी एंट्री मारी है।
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विभाजन को फिर से जोड़ने की कोशिश
ऐसे में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के दो हिस्से होने के बाद चीन अपना एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को काठमांडू भेज रहा है। वहीं चीन का प्रतिनिधिमंडल नेपाल की राजनीति में अपनी पकड़ बनाने और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में हुए विभाजन के प्रभाव को कम करने का काम करेगा।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश विभाग के सबसे वरिष्ठ वाइस मिनिस्टर गुओ येझोऊ चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ काठमांडू पहुंच रहे हैं। जिसमें गुओ येझोऊ कम्युनिस्ट पार्टी में हो रहे विभाजन को फिर से जोड़ने की कोशिश करेंगें।
फोटो-सोशल मीडिया
आपको बता दें कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का विभाजन चीन के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। लेकिन नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी पर चीन का पूरी तरह से कंट्रोल था। वहीं इस कम्युनिस्ट पार्टी के विभाजन के बाद से नेपाल की सियासी सत्ता में चीन की पकड़ ढीली पड़ती दिखाई दे रही है।
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प्रधानमंत्री की कुर्सी सौंपना चाहता
साथ ही नेपाल में मचे सियासी बवाल के लिए चीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को दोषी मान रहा है। जिसके चलते चीन अब केपी शर्मा ओली को सत्ता से बेदखल करना चाहता है और प्रचण्ड को प्रधानमंत्री की कुर्सी सौंपना चाहता है। जिससे केपी ओली खेमें रहे नेता प्रचण्ड की तरफ जा जाएं और ओली बिल्कुल अलग-थलग पड़ जाएं।
लेकिन नेपाल से मिली खबर के अनुसार, चीन का प्रतिनिधिमंडल पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के साथ, माधव नेपाल सहित कई न्य कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं से मिलेंगें।
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