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मचेगी भयंकर तबाही: डूब जाएगा सब कुछ, बांध टूटने का बढ़ा खतरा

नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से कोसी, कमला समेत कई नदियों का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। जिससे कोसी के पश्चिमी तटबंध टूटने का खतरा भी पैदा हो गया है।

Shreya
Published on: 12 July 2020 12:47 PM IST
मचेगी भयंकर तबाही: डूब जाएगा सब कुछ, बांध टूटने का बढ़ा खतरा
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नई दिल्ली: नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से कोसी, कमला समेत कई नदियों का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। जिससे कोसी के पश्चिमी तटबंध टूटने का खतरा भी पैदा हो गया है। अगर ऐसा हुआ तो बिहार में बाढ़ भारी तबाही मचा सकता है। वहीं नेपाल ने बाढ़ के लिए भी भारत को ही कोसना शुरू कर दिया है। जबकि हाल ही में बिहार के जलसंसाधन मंत्री संजय झा का बयान सामने आया था कि नेपाल की ओर से बांधों के मरम्मत को लेकर सहयोग नहीं किया जा रहा है।

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कोसी का पश्चिमी बांध टूटने का जोखिम बढ़ा

नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सप्तकोशी के पहाड़ी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से से सुनसरी और सप्तरी में कोसी का पश्चिमी बांध टूटने का जोखिम बढ़ गया है। बता दें कि ये जिले बिहार सीमा से लगे हुए हैं। अगर बांध टूटता है तो बिहार में भी बाढ़ से भारी तबाही मचेगी। इसे लेकर कोसी विक्टिम्स सोसाइटी के अध्यक्ष, देव नारायण यादव ने कहा कि बांध के उचित रखरखाव पर ध्यान नहीं देने से बांध टूटने का खतरा बढ़ गया है।

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कोसी को रेत के बांध के निर्माण से नहीं बचाया जा सकता

कोसी विक्टिम्स सोसाइटी के अध्यक्ष ने कहा कि कोसी को रेत के बांध के निर्माण से बचा पाना असंभव है। कोसी की रेत को खोदकर पश्चिमी बांध का निर्माण किया गया था। तटबंध का रखरखाव भारतीय कोसी योजना के तहत किया जाता है। गौरतलब है कि कोसी समझौते के मुताबिक, सप्तकोशी नदी के तटबंध के रखरखाव का काम भारतीय अभियंताओं को सौंपा गया है।

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नेपाल ने उलटा भारत पर मढ़ा दोष

नेपाली मीडिया हाउस कांतिपुर ने अपनी एक खबर में लिखा है कि कोसी में भारतीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते 57 वर्षों के बाद फिर से उसी स्थान पर तटबंध के टूटने का खतरा बढ़ गया है। अखबार का कहना है कि भारत की ओर से निर्मित चैनल ने प्रवाह को बदल दिया है और पश्चिमी तटबंध पर दबाव बढ़ा दिया है।

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