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नेपाल-चीन की टूटी दोस्ती! जमीन कब्जाने पर फंसा ड्रैगन, अब हुआ बवाल

नेपाल में विपक्ष के नेता जीवन बहादुर शाही का कहना है कि चीन ने सीमांत इलाके में रहने वाले लोगों की जिंदगी को नारकीय बना कर रख दिया है। हालांकि ओली सरकार लगातार इन आरोपों से इनकार कर रही है।

Shivani
Published on: 11 Oct 2020 5:38 PM GMT
नेपाल-चीन की टूटी दोस्ती! जमीन कब्जाने पर फंसा ड्रैगन, अब हुआ बवाल
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अंशुमान तिवारी

काठमांडू। नेपाल में विपक्षी दलों ने देश के सीमावर्ती इलाके में चीन के लगातार बढ़ते दखल की पोल खोल दी है। विपक्षी दलों का आरोप है कि चीन ने हुम्ला में नेपाली जमीन पर कब्जा जमा लिया है मगर सरकार यह हकीकत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। चीन ने जमीन पर कब्जा करने के साथ ही इमारतों का निर्माण भी शुरू कर दिया है और चीनी सैनिकों की ओर से सीमांत इलाके में रहने वाले लोगों को परेशान भी किया जा रहा है। खाने से लदे ट्रकों को चीनी सैनिक रोकने में जुटे हुए हैं जिससे लोगों की जिंदगी और मुश्किल होती जा रही है।

सीमांत इलाके में लोगों की जिंदगी नारकीय

विपक्ष के नेता जीवन बहादुर शाही का कहना है कि चीन ने सीमांत इलाके में रहने वाले लोगों की जिंदगी को नारकीय बना कर रख दिया है। हालांकि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार लगातार इन आरोपों से इनकार कर रही है मगर सीमा पर स्थित जिले हुम्ला का दौरा करने के बाद शाही ने चीन की पोल खोलकर रख दी है।

सरकार ने अनसुनी कर दी सच्चाई

नेपाल में विपक्ष के नेता शाही का कहना है कि हमने चीन की हरकतों के बारे में सरकार को भी जानकारी दी थी मगर सरकार की ओर से लगातार यह बात दोहराई जा रही है कि चीन ने नेपाल की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं किया है।

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सच्चाई यह है कि चीन ने सीमा पार करके पिलर बारह पर अपनी इमारतों का निर्माण करना शुरू कर दिया है। चीन की ओर से बनाई गई इमारतों के कई किलोमीटर आगे चलकर नेपाल की ओर से सड़कें बनवाई गई हैं।

सरकारी अफसरों ने भी पाई थी गड़बड़ी

शाही ने खुलासा किया कि मौके पर जांच पड़ताल करने गए सरकारी अफसरों ने भी गड़बड़ी का खुलासा किया था मगर इसके बावजूद सरकार यह मानने को ही तैयार है कि चीन ने हमारी सीमा में अतिक्रमण किया है। सरकार की ओर से लगातार चीन को पाक साफ होने का सर्टिफिकेट दिया जा रहा है।

बिना सलाह के पिलर का भी किया निर्माण

चीन की ओर से किए गए निर्माण पर सरकारी अधिकारियों का कहना था कि यह निर्माण बिना उनकी जानकारी के किया गया है और इस मुद्दे पर उनसे कोई सलाह नहीं ली गई। यहां तक कि चीन ने पिलर का भी निर्माण कर लिया है।

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सीमा पर लगाए जाने वाले पिलर के संबंध में मुख्य सिद्धांत यह है कि दोनों देश के अधिकारियों के बीच रजामंदी के बाद ही इसका निर्माण किया जाना चाहिए।

चीनी सैन्य कर्मियों की भी तैनाती

विपक्ष के नेता ने कहा कि चीन की ओर से पिलर 12 का निर्माण हाल ही में किया गया है और सरकारी अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि इस बाबत उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया। कुछ और पिलर पर चीन की ओर से सैन्य कर्मियों की तैनाती कर दी गई है और वे नेपाल के लोगों का हमेशा पीछा करते हैं।

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यही कारण है कि सीमांत इलाके के लोगों का सुख चैन छिन गया है। इस बात का पर्याप्त सबूत होने के बावजूद कि चीन ने नेपाल की जमीन पर अतिक्रमण किया है, सरकार आंख मूंदकर बैठी हुई है और सच्चाई मानने को किसी भी सूरत में तैयार नहीं है।

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