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नेपाल में ओली व प्रचंड गुट आमने-सामने, पीएम को एनसीपी के अध्यक्ष पद से हटाया
नेपाल में गहराते सियासी संकट के बीच पीएम केपी शर्मा ओली और उनके विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड गुट में पार्टी में अपना वर्चस्व कायम रखने की जंग शुरू हो गई है।
काठमांडू: नेपाल में गहराते सियासी संकट के बीच पीएम केपी शर्मा ओली और उनके विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड गुट में पार्टी में अपना वर्चस्व कायम रखने की जंग शुरू हो गई है। प्रचंड के धड़े वाली सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की केंद्रीय समिति ने प्रधानमंत्री ओली को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है।
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प्रचंड गुट पीएम ओली की अचानक कैबिनेट बैठक बुलाकर संसद भंग करने की सिफारिश से खासा नाराज है। पार्टी के दोनों गुटों में वर्चस्व की जंग शुरू होने के बाद दोनों गुट एक-दूसरे को पटखनी देने में जुटे हुए हैं।
फैसले का बचाव करने में जुटे हैं ओली
प्रधानमंत्री ओली जहां संसद भंग करने के अपने फैसले का बचाव करने में जुटे हुए हैं, वहीं उनके विरोधियों ने इस कदम को असंवैधानिक बताते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर पहुंच चुका है और याचिकाकर्ताओं का कहना है कि संविधान के तहत प्रधानमंत्री के पास संसद को भंग करने का कोई विशेषाधिकार नहीं है।
उन्होंने इसे नेपाल के संविधान के साथ धोखा और 2017 में दिए गए जनादेश का उल्लंघन बताया है। पीएम ओली के फैसले के खिलाफ नेपाल की सड़कों पर प्रदर्शन का दौर भी शुरू हो चुका है।
ओली ने बनाई नई समिति
सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में ओली और प्रचंड गुट अब खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं। पीएम ओली ने मंगलवार को पार्टी की आम सभा के आयोजन के लिए 1199 सदस्य नई समिति का गठन किया।
ओली ने अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी की केंद्रीय समिति के अपने करीबी सदस्यों के साथ बैठक की और इस बैठक के दौरान ही नई समिति की घोषणा की गई। आम सभा की नई आयोजन समिति के सदस्यों ने पीएम की उपस्थिति में ही शपथ भी ग्रहण की। पार्टी में अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए ही ओली ने यह कदम उठाया है।
प्रचंड को बनाया नया अध्यक्ष
दूसरी ओर प्रचंड गुट ने बड़ा कदम उठाते हुए पीएम ओली को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। प्रचंड के धड़े वाली केंद्रीय समिति की बैठक में सर्वसम्मति से प्रचंड को पार्टी का नया अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल को पार्टी का सह अध्यक्ष नामित किया गया।
सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति की सदस्य रेखा शर्मा ने बताया कि अब प्रचंड और माधव ही आगामी दिनों में होने वाली बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
ओली गुट ने ग्यावली को बनाया प्रवक्ता
पार्टी में वर्चस्व कायम रखने की होड़ में ओली गुट ने नारायण काजी श्रेष्ठ को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया है। ओली गुट से जुड़े केंद्रीय समिति के सदस्य विनोद श्रेष्ठ ने कहा कि स्थाई समिति के सदस्य एवं विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली को पार्टी का नया प्रवक्ता नियुक्त किया गया है।
अपने गुट के केंद्रीय समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि कुछ नेताओं के चले जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के अधिकांश लोग मेरे साथ हैं और विरोधी गुट के दावों में कोई दम नहीं है।
ओली ने विरोधी खेमे पर बोला हमला
ओली ने आरोप लगाया है कि प्रतिनिधि सभा भंग करने के लिए पार्टी के ही कुछ नेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला अचानक नहीं लिया गया। पार्टी में चल रही उठापटक के कारण सरकार का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा था और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई जा रही थी। विरोधी खेमे के इन प्रयासों के चलते ही मध्यावधि चुनाव की सिफारिश करनी पड़ी।
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दूसरी और विरोधी खेमे के नेता प्रचंड ने कहा कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है और वह किसी भी ऐसे कदम से प्रभावित नहीं होगी जो देश को पार्टी के खिलाफ है। उन्होंने केंद्रीय समिति के अधिकांश सदस्यों के अपने साथ होने का दावा करते हुए कहा कि नेपाल की सुरक्षा हमारा दायित्व है और इसे सुरक्षित रखना कम्युनिस्ट आंदोलनों के भविष्य के लिए जरूरी है।