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इस देश की खतरनाक जेलें: कैदियों के साथ होती है क्रूरता, खाने में मिलती हैं ऐसी चीजें
यहां पर रह रहे कैदी का जीवन मरने से पहले ही नर्क बना दिया जाता। उन्हें एक जोड़ी कपड़े में पूरी जिंदगी काटनी पड़ती। यहां तक कि बीमार होने पर कोई स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलती, बल्कि उन्हें कब्र में जिंदा ही दफना दिया जाता।
नई दिल्ली: उत्तर कोरिया (North Korea) के तानाशाह किम जोंग उन (Supreme Leader Kim Jong-un) की तानाशाही किसी से भी छिपी नहीं है। इस देश के सख्त और खतरनाक कानून से अच्छे अच्छे डरते हैं। इसका एक उदाहरण इसकी जेलें भी हैं। इस देश की जेलें बहुत ज्यादा खौफनाक मानी जाती हैं, जहां पर मानवाधिकारों का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है।
सबसे क्रूर जेलों में से एक हैं इस देश की जेलें
इस देश की जेलें सबसे क्रूर जेलों में से हैं। नॉर्थ कोरिया की सबसे खतरनाक जेलों में गिने जाने वाले योडोक कंसंट्रेशन कैंप से छूटे एक शख्स ने उस देश की जेलों में रहने वाले लोगों की खराब हालत के बारे में बताया है। इस व्यक्ति ने योडोक कंसंट्रेशन कैंप में दस साल बिताए हैं और किसी तरह चंगुल से आजाद हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शख्स का नाम Kang Cheol-hwan है।
(फोटो- सोशल मीडिया)
पूर्व कैदी ने बताए जेल के हालात
मीडिया रिपोर्ट में पूर्व कैदी के हवाले से बताया गया है कि उनके दादा साल 1948 से लेकर 1994 के बीच कोरिया की सरकार में थे। किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल के हाथ में देश की सत्ता आते ही उनके परिवार पर पश्चिमी संस्कृति के असर का आरोप लगने लगा। कुछ समय बाद ये माना जाने लगा कि परिवार तत्कालीन शासक और कम्युनिस्ट सोच के खिलाफ जा रहा है।
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इसके बाद सजा के तौर पर उन्हें जेल में डाल दिया गया। उस वक्त Kang Cheol-hwan काफी छोटे थे, लेकिन फिर भी उनसे 18-18 घंटे तक मजदूरी करवाई जाती। वहीं, यहां के हालात समझने के लिए Amnesty International संस्था, जो कि मानवाधिकारों के लिए काम करती है, ने यहां लैबर कैंपों की सैटेलाइट तस्वीरें ली थी। इसके साथ जुड़ी रिपोर्ट में इस कैंप की हालत के बारे में बताया गया।
(सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)
जेल में रेप, गर्भपात जैसी चीजें बहुत आम
रिपोर्ट के मुताबिक, उन जेलों में कैसे रेप, गर्भपात, हत्या और कड़ी मजदूरी जैसी बातें बहुत आम है। ऐसा कहा जाता है कि इन जेलों में करीब दो लाख से भी ज्यादा कैदी बहुत खराब हालात में रह रहे हैं। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इन जेलों के चारों ओर राइफल, हैंड ग्रेनेड और खूंखार कुत्तों के साथ एक फौज होती है, जो बाहर भागने की कोशिश करने वाले शख्स को तुरंत खौफनाक तरीके से मार देती है।
बताया जाता है कि इनमें से कई ऐसी जेलें हैं, जिनमें केवल विदेश नागरिकों को रखा जाता है। ऐसी ही एक जेल थी, जिसे Hoeryong कंसंट्रेशन कैंप या कैंप 22 कहा जाता था, लेकिन विदेशी मीडिया ने इसकी भयानक आलोचना की, जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया। यहां पर मानवाधिकारों की बुरी तरह धज्जियां उड़ाई जाती थीं।
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नहीं मिलती कोई स्वास्थ्य सुविधाएं
यहां पर रह रहे कैदी का जीवन मरने से पहले ही नर्क बना दिया जाता। उन्हें एक जोड़ी कपड़े में पूरी जिंदगी काटनी पड़ती। यहां तक कि बीमार होने पर कोई स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलती, बल्कि उन्हें कब्र में जिंदा ही दफना दिया जाता। इन जेलों का बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रहता। वहीं, जो भी कैदी यहां से भागने की कोशिश करता तो उसे जिंदा जला दिया जाता या फिर गोलियों से भूनकर मौत दे दी जाती थी।
खाने में जिंदा चूहे और सांप
विदेशियों के हालात और भी खराब थे। खाने के लिए उन्हें केवल 180 ग्राम कॉर्न दिया जाता था और अगर किसी ने भूख लगने की बात कही तो उसे जिंदा चूहे या सांप खाने को कहा जाता था। बताया जाता है कि जेल के एक कमरे में करीब 100 कैदियों को एक साथ रखा जाता था। वहीं, अगर कोई कैदी बहुत ज्यादा मेहनत करता तो उसे ईनाम के तौर पर अपने परिवार के साथ रहने की इजाजत मिलती थी।
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