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मर रहे कोरोना मरीज: एक भी केस ना होने का दावा, अब देश की सच्चाई आई सामने

उत्तर कोरिया भले ही एक भी कोरोना मामला ना होने का दावा करता है, लेकिन इस बीच खुलासा हुआ है कि ये देश कोरोना मरीजों को भूखे रखकर मौत के मुंह में धकेल रहा है। 

Shreya
Published on: 3 Nov 2020 10:21 AM GMT
मर रहे कोरोना मरीज: एक भी केस ना होने का दावा, अब देश की सच्चाई आई सामने
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मर रहे कोरोना मरीज: एक भी केस ना होने का दावा, अब सच्चाई आई सामने

नई दिल्ली: पूरी दुनिया बीते कई महीने से कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग लड़ रही है। दुनियाभर के तमाम देशों में दूसरी या तीसरी लहर भी शुरू हो गई है, लेकिन एक ऐसा भी देश है जो अपने यहां कोरोना का एक भी मामला ना होने का दावा करता आया है। हम बात कर रहे हैं उत्तर कोरिया की। चीन का पड़ोसी देश होने के बाद भी उत्तर कोरिया यह दावा करता है कि उसके यहां पर कोरोना नहीं फैला है। हालांकि इस बीच एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

मरीजों को भूखे रखकर मौत के मुंह में धकेल रहा ये देश

दरअसल, कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि नॉर्थ कोरिया कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों को भूखे रखकर मौत के मुंह में धकेल रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ कोरिया में काम करने वाले ईसाई एक्टिविस्ट टिम पीटर्स का कहना है कि उत्तर कोरिया ने चीनी बॉर्डर के पास सीक्रेट आइसोलेशन जोन बनाए हैं। जहां पर कोविड-19 संक्रमित मरीजों को बिना उचित मेडिकल केयर के छिपाकर रखा जा रहा है।

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खान पहुंचाने में परिजनों को हो रही दिक्कत

टिम पीटर्स का कहना है कि नॉर्थ कोरिया में स्थिति काफी गंभीर है। पीटर्स ने कहा कि चीनी बॉर्डर के पास बनाए गए सीक्रेट आइसोलेशन सेंटर में रखे गए कोरोना मरीजों को खाना पहुंचाने में परिवारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हेल्पिंग हैंड्स कोरिया नाम की संस्था चलाने वाले टिम पीटर्स ने कहा कि किन जोंग उन की सरकार कोरोना मरीजों को बेहद कम या ना के बराबर खाना और दवा दे रही है।

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40 प्रतिशत आबादी करती है खाने की कमी का सामना

उन्होंने बताया कि इस सीक्रेट आइसोलेशन सेंटर में कई लोगों की मौत हुई है। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर कोरिया की करीब 40 प्रतिशत आबादी खाने की कमी का सामना करती है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि किम जोंग उन प्रशासन ने कोरोना महामारी को भुतहा बीमारी करार दिया है।

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