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लोमड़ी से भी तेज तानाशाह किम की इस बहन का दिमाग, दुश्मनों को ऐसे देती हैं मात
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन की हार्ट सर्जरी के बाद तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही हैं। उनकी हालात नाजुक बताई जा रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि किम जोंग-उन ब्रेन डेड हो चुके हैं।
नई दिल्ली: नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन की हार्ट सर्जरी के बाद तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही हैं। उनकी हालात नाजुक बताई जा रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि किम जोंग-उन ब्रेन डेड हो चुके हैं। जानबूझकर लोगों से ये बात छिपाई जा रही हैं।
अगर तानाशाह न रहे तो उनके बाद देश की कमान कौन संभालेगा। अभी से ये सवाल भी उठने लगा है। इस बीच एक नाम है जो इस समय कोरिया में सभी के बीच के चर्चा का विषय बना हुआ है। वो है किम की छोटी बहन किम यो जोंग।
जो हर समय साये की तरह उनके साथ मौजूद रहती हैं। देश के लिए गये कई अहम फैसलों में भी उनका हाथ होता है। तो आइये विस्तार से जानते हैं किम की छोटी बहन किम यो जोंग के बारें में:-
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स्विट्जरलैंड से पूरी की पढ़ाई
किम यो जोंग का बचपन कैसा गुजरा है। इस बारें में तो ठीक-ठीक जानकारी तो नहीं मिलती हैं लेकिन ये पता है कि उनका जन्म 26 सितंबर 1987 को उतरी कोरिया में हुआ था। वह अपने भाई या यूं कहे कि तानाशाह किम जोंग-उन से 4 साल छोटी हैं।
उसकी बचपन की स्कूलिंग सीनियर सेकंडरी स्कूल उत्तर कोरिया में हुई है। आगे की पढाई किम इल सुंग मिलिट्री यूनिवर्सिटी में हुई। उसके बाद वे हायर स्टडीज के लिए स्विट्जरलैंड आ गईं, जहां साल 2000 तक पढ़ाई के बाद वे घर वाप लौट आई। कहा तो ये भी जाता है कि अपनी पहचान छिपाने के लिए वह नाम बदलकर रहा करती थीं।
2010 में पहली बार लाइमलाइट में आईं
तानाशाह की बहन मीडिया से काफी दूर रहती हैं। हालांकि पहली बार वे कैमरे की नजर में उस वक्त कैद हो गई थी जब वह पहली बार साल 2010 में पिता के साथ वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के कन्वेंशन में नजर आई थीं।
इसके ठीक 3 साल बाद वे पिता के मौत के मौके पर सामने आईं। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि उनकी राजनैतिक सक्रियता साल 2014 से शुरू हुई। ये वही समय था जब वह अपने भाई के साथ नजर आने लगी थी और उनके राजनितिक कार्यों में सहयोग करने लगीं।
उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता गया रसूख
वर्ष 2018 में हुए Pyeongchang Olympics के समय यो जोंग ने अपने देश को लीड किया था। इसके बाद सत्ता में उनका कद लगातार बढ़ता गया, जो पिछले साल की सजा के बाद एक बार कम होता दिखा था, हालांकि अब किम के गंभीर होने के बाद माना जा रहा है कि देश की कमान संभालने का काम उनकी बहन के जिम्मे आ सकता है।
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भाई की छोटी-छोटी जरूरतों का रखती हैं ख्याल
सिंगापुर और हनोई में समिट के दौरान सिगरेट के शौकीन तानाशाह जब खत्म हो चुकी सिगरेट बट को एश-ट्रे में रखते थे तो उनकी बहन यो जोंग उसे खुद कलेक्ट करती थीं।
वे मानती थीं कि उनके भाई का डीएनए सैंपल किसी भी देश या एजेंसी के हाथ लगा तो उन्हें नुकसान हो सकता है। यहां तक कि वार्ता के दौरान मिले गुलदस्तों को भी वो भाई के हाथ में आने से पहले ले लेती थीं।
गुप्त दफ्तरों में दखल
माना जाता है कि यो जोंग की उन 2 दफ्तरों में खासी दखल है, जहां गलत-सही कामों से परिवार और देश के लिए हार्ड कैश जमा होता है। उन दफ्तरों को Offices 38 & 39 के नाम से जाना जाता है, हालांकि इनकी कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिलती है लेकिन कहा जाता है कि साइबरथेफ्ट, तस्करी जैसे कामों से आया कैश यहां रखा जाता है।
देखती हैं ये काम
यो जोंग Propaganda and Agitation Department की पहली वाइस डायरेक्टर हैं। माना जाता है कि किम जोंग उन की विदेशों में और उत्तर कोरिया के अंदर सार्वजनिक छवि बनाने के पीछे किम यो जोंग का ही दिमाग है।
इसी पद के तहत यो जोंग ने अपने वास्तविक नाम के साथ पहला स्टेटमेंट दिया था। इसी से साफ हुआ था कि सिर्फ परदे के पीछे नहीं, बल्कि यो जोंग अपने भाई के साथ सत्ता में सामने भी आ चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने इसी पद के साथ अमेरिका प्रेसिडेंट ट्रंप की कोरोनावायरस पर मदद की पेशकश ठुकरा दी थी।
सेना में भी अहम
पिछले साल के अंत में यो जोंग ने अपना पहला मिलिट्री ऑर्डर दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वे नार्थ कोरियन आर्मी की महिला-युनिट को भी संभालती हैं, अपने ऑर्डर ने यो जोंग ने महिला सैनिकों में वर्क साइट में काम के दौरान हो रहे शारीरिक बदलावों पर ध्यान देने को कहा था।
एक्सिडेंट में पति की मौत
जानकारी के मुताबिक स्थानीय भाषा के अलावा अंग्रेजी और जर्मन भाषा पर समान अधिकार रखने वाली यो जोंग ने अपनी ही पार्टी के सेक्रेटरी चोए योंग-हे के बेटे से शादी की थी जिसकी लगभग 5 साल पहले एक एक्सिडेंट में मौत हो गई। इसके बाद से यो जोंग उत्तर कोरिया में राजनीति में काफी नजर आने लगीं।
भाई की तरफ से मिले हैं कई अधिकार
हाल ही में उन्हें देश में फैसले लेने वाली सबसे बड़े संगठन पोलिटबुरो का वैकल्पिक सदस्य बनाया गया, जो योंग को इस पद से बीते साल के अप्रैल में हटा दिया गया था। इसके पीछे हनोई में प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता का विफल होना बड़ी वजह बताई जा रही थी।
खुद तानाशाह किम उन ने ही अपनी बहन को बतौर सजा इस पद से बर्खास्त कर दिया था।
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