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पाकिस्तान पर फेसबुक का कड़ा एक्शन: सैकड़ों अकाउंट्स किए सस्पेंड, ये है वजह
पाकिस्तान में फेसबुक ने ऐसे नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है, जो फर्जी अकाउंट्स और पेज के जरिए दुष्प्रचार फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा था।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के खिलाफ फेसबुक ने बड़ी कार्रवाई की है, जो फर्जी अकाउंट्स और पेज के जरिए दुष्प्रचार फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा था। फेसबुक ने कहा, 'हमने अपनी आंतरिक जांच के दौरान इस नेटवर्क को क्षेत्र में संदिग्ध संगठित और अवैध पाया तो अकाउंट्स, पेजेस और ग्रुप्स के तीन नेटवर्क हटा दिए। उनमें से दो-रूस और अमेरिका से थे। ये बाहर के लोगों को निशाना बना रहे थे।
इतने खाते निलंबित
फेसबुक ने 453 फेसबुक अकाउंट्स, 103 पेजेस, 78 ग्रुप्स और 107 इंस्टाग्राम अकाउंट्स को निलंबित कर दिया। ये सभी पाकिस्तान से ऑपरेट किए जा रहे नेटवर्क का हिस्सा थे। इनके संगठित होकर अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के बाद फेसबुक ने 31 अगस्त को ये कार्रवाई की।
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रिपोर्ट में कहा गया,
भारत के केस में हमने मोदी और भारतीय सेना की आलोचना करने वाले कंटेंट की जांच की, उन संदेशों को देखा जो खालिस्तान आंदोलन का समर्थन करने वाले थे, वो पोस्ट जिनमें पीएम मोदी की कोविड-19 हैंडलिंग का मज़ाक उड़ाया गया, टॉप 40 कोरोना वायरस सेफ्टी देशों में भारत का नाम नहीं खोज सकते, सिर्फ बातें करने से काम नहीं होता।
जांच में पता चला कि ये नेटवर्क बड़े स्तर पर ऐसे अकाउंट्स को रिपोर्ट करने के काम करता था जो इस्लाम या पाकिस्तानी सरकार के आलोचक होते हैं। इन अकाउंट्स के टार्गेट पर भारत की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रहते थे।
सस्पेंड किए गए पेज और ग्रुप्स में पाकिस्तानी राष्ट्रवादी कॉन्टेंट पोस्ट किया जाता था, पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी (ISI) और पाकिस्तान की सत्ताधारी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की तारीफें की जाती थीं। कई पोस्ट ऐसे भी होते थे जिनमें भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की जाती थी। हैरान करने वाली बात यह है कि नेटवर्क में इंडियन आर्मी के फैन पेज और ग्रुप भी शामिल थे जिनें भारतीय सेना और सरकार के बारे में अच्छी बात की जाती थी। SIO अभी इनके पीछे के मकसद के बारे में समझ नहीं पाया है।
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अहम पहलू
निलंबित नेटवर्क ने मई 2020 के बाद से फेसबुक और इंस्टाग्राम के उन अकाउंट्स की मास रिपोर्टिंग को समन्वित किया, जो इस्लाम के आलोचक माने गए, पाकिस्तानी सरकार और सेना के आलोचक माने गए या जो अहमदी धार्मिक अल्पसंख्यकों से जुड़े हुए थे। नेटवर्क की ओर से ऐसे लिंक्स शेयर किए गए जो किसी खास अंकाउंट या अकाउंट फोटो को रिपोर्ट करने के लिए सीधे फेसबुक की साइट पर ले जाते हैं। नेटवर्क ने इस तरह मास रिपोर्टिंग से 200 से अधिक ‘कामयाबियां’ पाने का दावा किया लेकिन हम इस बात की पुष्टि करने में असमर्थ हैं कि क्या रिपोर्टिंग के कारण इन अकाउंट्स को हटाया गया था। कुछ अकाउंट्स, जिनमें जानबूझ कर फर्जी नाम रखे गए, साफ तौर पर फेसबुक की पहचान नीतियों का उल्लंघन करते थे।
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अकाउंट रिपोर्ट करना सिखाया
इस नेटवर्क पर फर्जी अकाउंट बनाना और दूसरे अकाउंट रिपोर्ट करना सिखाया जाता था। इसमें यह भी बताते थे कि कैसे ज्यादा टैब खोलर रिपोर्टिंग की स्पीड को बढ़ाया जा सकता है।एंटी-इस्लामिक, एंटी-पाकिस्तानी अकाउंट्स या ऐसे ग्रुप्स और पेजेस के लिए बनाया है जो सोशल मीडिया पर बड़े खतरे हैं।नेटवर्क और उससे जुड़े यूजर्स ने रिपोर्टिंग के लिए फर्जी अकाउंट्स बनाने के लिए ट्यूटोरियल्स भी उपलब्ध कराए।साथ ही ये भी सिखाया जाता था कि रिपोर्टिंग में तेजी लाने के लिए तेजी से कई टैब्स खोले जाएं।