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भारत के खिलाफ 10 फरवरी को पाकिस्तान करेगा ये बड़ा ऐलान, युद्ध की बढ़ी आशंका
कश्मीर मुद्दे को 'हल' करने पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में तीखे मतभेद दिखा दिए। कुछ सांसदों ने कश्मीर मुद्दे पर जेहाद की मांग की और कहा कि यह मसला जंग से ही सुलझेगा।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में कश्मीरियों के साथ एकजुटता' का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया है, लेकिन इस पर चर्चा के दौरान कश्मीर मुद्दे को 'हल' करने पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में तीखे मतभेद दिखा दिए। कुछ सांसदों ने कश्मीर मुद्दे पर जेहाद की मांग की और कहा कि यह मसला जंग से ही सुलझेगा।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक यह मतभेद सिर्फ सत्ता पक्ष और विपक्ष में ही नहीं दिखा, बल्कि सत्ता पक्ष के बीच का विवाद भी तब सामने आया जब मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने सीधे-सीधे विदेश मंत्रालय और इसके मंत्री शाह महमूद कुरैशी को कठघरे में खड़ा कर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर पर जितनी पहल की, उसमें उन्हें विदेश मंत्रालय की अपेक्षित मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय और कुछ अन्य सरकारी संस्थान ने कई ऐसे मौकों पर कदम नहीं उठाया, जब इन्हें उठाना चाहिए था।
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प्रस्ताव पर बहस के दौरान, पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच इसी बात की होड़ दिखी कि कौन कश्मीर पर कितनी 'सख्ती और मजबूती' से अपनी बात रख पा रहा है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सांसदों का कहना था कि 'महज भाषणों और प्रस्तावों से कुछ नहीं होगा' और यह कि 'कुछ व्यावहारिक कदम उठाने होंगे।
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इन कदमों का स्पष्ट शब्दों में खुलासा जमीयत-ए-उलेमा-ए इस्लाम-फजल के सांसदों ने भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की मांग की। सांसद अब्दुल अकबर चितराली ने इसके लिए बकायदा एक तारीख भी सुझा दी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को औपचारिक रूप से 10 फरवरी को भारत के खिलाफ जंग छेड़ने का ऐलान कर देना चाहिए। उनका कहना था कि महज इस एक ऐलान से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में खलबली मच जाएगी और दुनिया इस मसले को हल करने के लिए दखल दे देगी।
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चितराली के बाद कुछ अन्य सांसदों ने भी यही राय व्यक्त की कि 'परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान के पास बस यही एक विकल्प बचा है कि वह कश्मीर के लोगों को आजाद कराए और उपमहाद्वीप के बंटवारे के 'अधूरे एजेंडे' को पूरा करे।