TRENDING TAGS :
पाकिस्तान का बचना मुश्किल: ग्रे लिस्ट से निकलने की संभावना कम, जानें आगे का प्लान
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी एफटीएफ की आगामी बैठक के परिणाम के बारे में आशावादी लग रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान कम से कम जून तक 'ग्रे' सूची में रहेगा।
इस्लामाबाद : दुनियाभर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाले एफएटीएफ का शिकांजा पाकिस्तान पर ढीला नहीं पड़ेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के एफएटीएफ की 'ग्रे लिस्ट' से जून तक बाहर निकलने की संभावना नहीं है। हालांकि पाकिस्तान एफएटीएफ की बैठक से पहले सदस्य देशों से समर्थन जुटाने की जी-तोड़ कोशिशें कर रहा है। एफएटीएफ के कार्यकारी समूह की बैठकें 21 से 26 फरवरी के बीच पेरिस में होगी।
जून 2018 में एफएटीएफ 'ग्रे' लिस्ट
आतंकियों की फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसे पाकिस्तान के जून तक फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे सूची से निकलने की उम्मीद नहीं है। इसके बावजूद वह सदस्य देशों से वैश्विक आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग वॉचडॉग की प्लेनरी बैठक के आगे समर्थन हासिल करने के प्रयासों में लग जाएंगे। पाकिस्तान को जून 2018 में एफएटीएफ 'ग्रे' सूची में रखा गया था और 27 कार्रवाई बिंदुओं को लागू करके वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए एक समयसीमा दी गई थी।
ये भी पढ़ें..PM ने समर्पित की गैस पाइपलाइन, बोले- बुनियादी ढांचे पर खर्च करेंगे 7.5 लाख करोड़
फरवरी 2021 तक अपनी 'ग्रे' सूची में बना रहेगा
पिछले साल अक्टूबर में एफएटीएफ की बैठक हुई थी। डिजिटल माध्यम से आयोजित इस पूर्ण बैठक में निष्कर्ष निकाला गया था कि पाकिस्तान फरवरी 2021 तक इस सूची में बना रहेगा। पाकिस्तान को लेकर यह फैसला इसलिए किया गया था क्योंकि पाया गया कि वह एफएटीएफ की ओर से सौंपे गए छह प्रमुख दायित्वों को पूरा करने में नाकाम रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी एफटीएफ की आगामी बैठक के परिणाम के बारे में आशावादी लग रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान कम से कम जून तक 'ग्रे' सूची में रहेगा।
ये भी पढ़ें..औरैया में सपा नेता में उठाया बड़ा कदम, माह के अंतर्गत सड़क सुरक्षा की दी टिप्स
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता
पाकिस्तान ने सदस्य देशों से अपने मामले का समर्थन करने और एफएटीएफ द्वारा साइट पर निरीक्षण की अनुमति देने का अनुरोध किया है। इन प्रयासों से पाकिस्तान खुद को ग्रे लिस्ट से निकालने की कोशिश में लगा है। एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है जो 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य संबंधित खतरों का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया है।