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पाकिस्तान में लॉकडाउन की उड़ रहीं धज्जियां, रमजान में तेजी से बढ़ने लगे केस

पाकिस्तान सरकार ने रमजान के दौरान कुछ शर्तों के साथ मस्जिदों में नमाज की इजाजत दी थी मगर कट्टरपंथी मौलानाओं ने इन शर्तों की अनदेखी कर दी है।

Shivani Awasthi
Published on: 27 April 2020 3:54 AM GMT
पाकिस्तान में लॉकडाउन की उड़ रहीं धज्जियां, रमजान में तेजी से बढ़ने लगे केस
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अंशुमान तिवारी

इस्लामाबाद। रमजान की शुरुआत के साथ ही पाकिस्तान में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई जाने लगी हैं। इसी का नतीजा है कि कोरोना के केसों में दो दिनों में काफी वृद्धि दर्ज की गई है। रमजान के पहले दिन जहां कोरोना के 783 मामले सामने आए हैं दूसरे दिन 700 नए केस दर्ज किए गए। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या करीब साढ़े तेरह हजार तक पहुंच गई है।

कट्टरपंथी मौलाना नहीं मान रहे शर्तें

दरअसल पाकिस्तान सरकार ने रमजान के दौरान कुछ शर्तों के साथ मस्जिदों में नमाज की इजाजत दी थी मगर कट्टरपंथी मौलानाओं ने इन शर्तों की अनदेखी कर दी है। देश के कई शहरों से लॉकडाउन के उल्लंघन की खबरें मिली हैं। जियो न्यूज़ का कहना है कि पिछले 2 दिनों में कोरोना के केसों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अगर सरकार की ओर से सख्ती नहीं की गई तो आने वाले दिनों में स्थिति विस्फोटक हो सकती है।

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पंजाब में कोरोना का सर्वाधिक संक्रमण

पाकिस्तान में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य पंजाब है जहां कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या करीब साढ़े पांच हजार तक पहुंच गई है। सिंध प्रांत की हालत भी ठीक नहीं है और वहां भी अब तक कोरोना के साढ़े चार हजार से अधिक केस दर्ज किए जा चुके हैं। खैबर पख्तूनख्वा में अब तक कोरोना के करीब 2000 मामले दर्ज किए गए हैं। बलूचिस्तान में हालात थोड़ा नियंत्रण में है और वहां अभी तक केवल 781 मामले ही सामने आए हैं।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान में सख्ती नहीं की गई तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम का कहना है कि पाकिस्तान को कोरोनआ का संक्रमण रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। अगर पाकिस्तान की सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए तो जुलाई के मध्य तक देश में हालात विस्फोटक हो सकते हैं और कोरोना के केसों की संख्या दो लाख तक पहुंच सकती है। उनका कहना है कि पाकिस्तान सरकार को जल्द से जल्द इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

पाक सरकार के लिए बड़ी चुनौती

इस्लामिक पवित्र महीने के दौरान पाकिस्तान में सख्त नियमों का अनुपालन कराना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। इसका कारण यह है कि रमजान के दौरान पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से खबरें मिल रही हैं कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। बाजारों और सड़कों पर भीड़ उमड़ रही है और सरकारीे दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सरकार सरकार के बार-बार अपील करने के बावजूद लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं।

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बेकाबू हो सकते हैं हालात

पाकिस्तान आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर इफ्तिखार बर्नी का भी कहना है कि पाकिस्तान में मस्जिदें वायरस को फैलाने का प्रमुख स्रोत बन रही हैं। उनका कहना है कि सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाने होंगे नहीं तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। विशेषज्ञों ने भी लोगों से अपील की है कि वे मस्जिदों में न जाएं और रमजान के दौरान सामूहिक नमाज अदा करने से परहेज करें। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस सलाह की अनदेखी की गई तो रमजान के दौरान पाकिस्तान में कोरोना के केसों में जबर्दस्त बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।

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