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आतंकियों का देश: दूसरा लादेन चलाएगा पूरी सरकार, क्या सच में इमरान करेंगे ऐसा

पाकिस्तान आतंकियों की नई फौज खड़ी करना चाहता है। आए दिन हो रहे हमलों से तबाह हो रहे अफगानिस्तान को पाकिस्तान तालिबानी आतंकियों के हाथों में सौंप देना चाहता है। ऐसे में अमेरिका अफगानिस्तान में शांति के लिए तालिबानियों और अफगान नेताओं के बीच संधि कराने की लगातार कोशिशों में लगा हुआ है।

Vidushi Mishra
Published on: 1 March 2021 5:07 PM IST
आतंकियों का देश: दूसरा लादेन चलाएगा पूरी सरकार, क्या सच में इमरान करेंगे ऐसा
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अमेरिका अफगानिस्तान में शांति के लिए तालिबानियों और अफगान नेताओं के बीच संधि कराने की लगातार कोशिशों में लगा हुआ है। यदि पाक की मंशा कुछ और ही है।

नई दिल्ली। भारत के खिलाफ दुश्मन देश पाकिस्तान आतंकियों की नई फौज खड़ी करना चाहता है। आए दिन हो रहे हमलों से तबाह हो रहे अफगानिस्तान को पाकिस्तान तालिबानी आतंकियों के हाथों में सौंप देना चाहता है। ऐसे में अमेरिका अफगानिस्तान में शांति के लिए तालिबानियों और अफगान नेताओं के बीच संधि कराने की लगातार कोशिशों में लगा हुआ है। यदि पाक की मंशा कुछ और ही है। ऐसे में भारत अफगानिस्तान में लोकतंत्र स्थापित करना चाहता है और इसके लिए वह अमेरिका के कदमों का समर्थन कर रहा है।

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लोकतंत्र से ज्यादा गनतंत्र

ऐसे में इन सबको ध्यान में रखते हुए पाकिस्तानी सरकार के लिए लोकतंत्र से ज्यादा गनतंत्र अहम है। वहीं पाकिस्तान चाहता है कि काबुल में तालिबानी सत्ता संभाले। जबकि भारत का इस मामले में सीधा रुख है कि अफगानिस्तान में अफगान नेताओं का राज होना चाहिए।

IMRAN KHAN फोटो-सोशल मीडिया

इस बीच अमेरिका ने तालिबान के साथ फिर से बातचीत शुरू करने की घोषणा की है। धमाकों से हिले अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जालमे खलीलजाद जल्द ही काबुल, दोहा और अन्य क्षेत्रीय राजधानी का दौरा करेंगे।

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पाकिस्तान तालिबानियों का मददगार

जिससे अफगानिस्तान में राजनीतिक स्थिरता लाई जा सके। रविवार को अमेरिकी प्रशासन ने बयान जारी कर यह बात कही थी। जोकि बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद खलीलजाद का ये पहला दौरा होगा। इस बारे में अमेरिका द्वारा जारी बयान के मुताबिक विशेष प्रतिनिधि जल्द ही दिल्ली और इस्लामाबाद का भी दौरा कर सकते हैं।

वहीं पाकिस्तान तालिबानियों का मददगार भी बना हुआ है। सालों पहले 2001 में जब अमेरिका ने हमला किया तो बहुत से तालिबानी नेताओं ने भागकर पाकिस्तान में शरण ले ली थी। वहीं पाक की धरती से ही तालिबानी लगातार अफगानिस्तान में हमले करने में लगे हुए हैं।

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