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क्या 126 साल पुराने शिव मंदिर की मरम्मत कराने से इमरान खान के पाप धुल जाएंगे?
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की देखभाल की जिम्मेदारी एवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड की है। बोर्ड के सदस्यों ने बताया कि पाकिस्तान के अंदर हाल ही में दर्जनों मंदिरों का पुनरुद्धार कराया गया है।
लाहौर: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 126 साल पुराने शिव मंदिर को मरम्मत के बाद फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। इसकी देखरेख की जिम्मेदारी हिंदू संगठन को सौंपी गई है।
भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां पर अब श्रद्धालुओं का आना भी शुरू हो गया है। बता दें कि हाल ही पाकिस्तान में एक हिंदू मंदिर को मौलवी के इशारे पर कट्टरपंथियों ने तोड़ दिया था।
पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाया था। इमरान सरकार पर मूकदर्शक बनने का आरोप लगा था। भारत ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया था। साथ ही पाकिस्तान से कहा था कि इस तरह की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाए।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने दुनिया भर में अपनी किरकिरी होने के बाद शिव मंदिर का संज्ञान लिया है। उसकी मरम्मत कराकर हिंदू संगठन को देखरेख के लिए सौंप दिया है।
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क्या 126 साल पुराने शिव मंदिर की मरम्मत कराने से इमरान खान के पाप धुल जाएंगे?(फोटो: सोशल मीडिया)
क्या मंदिर की मरम्मत कराने से इमरान खान के पाप धुल जाएंगे?
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की देखभाल की जिम्मेदारी एवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड की है।
बोर्ड के सदस्यों ने बताया कि पाकिस्तान के अंदर हाल ही में दर्जनों मंदिरों का पुनरुद्धार कराया गया है।
126 साल पुराना शिव मंदिर, जिसे गोस्वामी पुरषोत्तम घर निहाल घर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का फिर से निर्माण कराया गया है।
मंदिर का दायरा भी बढ़ाया गया है और अधिक क्षेत्र को भी इसमें शामिल किया गया है। जिससे ताकि हिंदू श्रद्धालु अपने धार्मिक अनुष्ठानों का अच्छे तरीके से से आयोजन कर पाएं।
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क्या 126 साल पुराने शिव मंदिर की मरम्मत कराने से इमरान खान के पाप धुल जाएंगे?(फोटो: सोशल मीडिया)
पख्तूनख्वा प्रान्त में तोड़ा गया था
मालूम हो कि बीते दिनों पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी के सदस्यों ने भीड़ के साथ हिंदू मंदिर पर धावा बोल दिया था।
मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की थी और बाद में उसके अंदर आग भी लगा दी थी। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। मंदिर में तोड़फोड़ पर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया था और इसे फिर से बनाने का आदेश दिया था।
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