×

इमरान खान के लिए बजी खतरे की घंटी, सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष हुआ एकजुट

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए खतरे की घंटी बज गई है। इमरान को सत्ता से बेदखल करने के लिए देश के तीन प्रमुख विपक्षी दलों ने हाथ मिला लिया है।

Newstrack
Published on: 20 July 2020 1:41 PM GMT
इमरान खान के लिए बजी खतरे की घंटी, सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष हुआ एकजुट
X

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए खतरे की घंटी बज गई है। इमरान को सत्ता से बेदखल करने के लिए देश के तीन प्रमुख विपक्षी दलों ने हाथ मिला लिया है। हालांकि अभी तक इस बाबत कोई औपचारिक एलान नहीं किया गया है मगर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन, बेनजीर के बेटे बिलावल भुट्टो की पार्टी पीपीपी और मौलाना फजल उर रहमान की जमीयत उल इस्लामी ने इमरान के खिलाफ एक मंच पर आने का फैसला कर लिया है।

ये भी पढ़ें... खतरे में ठाकरे परिवार: तुरंत अलर्ट हुआ स्वास्थ्य विभाग, सामने आई सच्चाई

इमरान से विपक्षी दलों के नेता परेशान

पाकिस्तान के सियासी जानकारों का कहना है कि इमरान सरकार की नीतियों के कारण पीएमएल-एन और पीपीपी के बड़े नेताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने इन दोनों पार्टियों के लगभग सभी बड़े नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए हैं और उनके खिलाफ अदालतों में केस चल रहे हैं।

मीडिया की खबरों के मुताबिक विपक्षी दलों के प्रांतीय नेताओं के खिलाफ भी ड्रग स्मगलिंग के मामले चल रहे हैं। आरोप है कि इन नेताओं को झूठे मामलों में फंसा दिया गया है। वैसे तो दोनों पार्टियों के विचारधारा अलग-अलग रही है, लेकिन इमरान के खिलाफ दोनों में हाथ मिला लिया है।

ये भी पढ़ें...खतरे में उत्तराखंड: लगातार हो रही भारी बारिश, रेड अलर्ट हुआ जारी

इस तरह हुई मोर्चा बनाने की शुरुआत

विपक्षी दलों में एका की शुरुआत उस समय हुई जब पीपीपी के नेता बिलावल भुट्टो ने पिछले दिनों पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ की तबीयत का हाल जानने के लिए उन्हें फोन किया।

जानकार सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बातचीत हुई और सियासी मामलों पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं में इमरान के खिलाफ मोर्चा बनाने पर भी सहमति बनी।

जरदारी ने भी सहमति

इस बात की जानकारी मिलने पर जमीयत उल इस्लामी के नेता मौलाना फजल उर रहमान ने भी दोनों नेताओं से संपर्क किया और फिर मोर्चा बनाने की योजना बनी।

सूत्रों के मुताबिक जेल में बंद आसिफ अली जरदारी ने भी इसके लिए सहमति दे दी है। बिलावल भुट्टो जल्द ही इस्लामाबाद से लाहौर पहुंचने वाले हैं जहां उनकी शाहबाज शरीफ से विस्तृत बातचीत होगी और मोर्चे की रूपरेखा तय होगी।

ये भी पढ़ें...तुर्की के खतरनाक बदलावः नीचे गिरने की शुरुआत तो नहीं ये

इमरान को मिल रही सेना की मदद

जानकार सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की सत्ता चलाने में इमरान खान को पिछले दरवाजे से सेना की पूरी मदद मिल रही है। इमरान ने देश में कई प्रमुख पदों पर सेना से जुड़े अफसरों को तैनात कर रखा है।

सेना प्रमुख बाजवा से भी उनकी अच्छी अंडरस्टैंडिंग बताई जाती है मगर विपक्षी दलों के एकजुट हो जाने पर सेना के लिए भी इमरान को बचाना मुश्किल हो जाएगा।

विपक्षी दलों की आम लोगों पर मजबूत पकड़

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की देश के सबसे मजबूत सूबे पंजाब में अच्छी पकड़ मानी जाती है। दूसरी ओर पीपीपी सिंध में काफी मजबूत है।

ये भी पढ़ें...जारी हैं एनकाउंटरः इनामी अपराधी अबू बकर आया पुलिस के शिकंजे में

प्रधानमंत्री इमरान खान सिर्फ खैबर पख्तूनख्वा में विपक्षी दलों पर भारी दिखते हैं। सेना और नागरिक प्रशासन के ज्यादातर महत्वपूर्ण पदों पर पंजाब के लोग ही काबिज हैं। इसके साथ ही आम लोगों पर भी इन दोनों दलों की अच्छी पकड़ मानी जाती है।

पहले भी मुसीबत बन चुके हैं मौलाना

जमीयत उल इस्लामी के नेता मौलाना फजल उर रहमान का पाकिस्तान में मजहबी तौर पर काफी सम्मान है। वे पहले भी इमरान सरकार को परेशान कर चुके हैं। उन्होंने पिछले साल नवंबर में इमरान सरकार के खिलाफ मार्च निकालकर मुश्किलें पैदा कर दी थीं। इस मार्च को वापस कराने के लिए इमरान सरकार को काफी पापड़ बेलने पड़े थे।

ये भी पढ़ें...राम मंदिरः नई बात आकार होगा दोगुना, पांच गुम्बद बढ़ाएंगे भव्यता

इमरान के लिए आने वाले दिन मुश्किलों भरे

सियासी जानकारों का कहना है कि इन तीन प्रमुख दलों के हाथ मिलाने से पाकिस्तान की सियासत में इमरान खान के लिए खतरे की घंटी बज गई है।

अब हर किसी की नजर इस बात पर है कि तीनों दलों की ओर से मोर्चा बनाने का आधिकारिक एलान कब होता है। जानकारों का कहना है कि निश्चित रूप से ऐसी स्थिति में सेना भी इमरान की सत्ता नहीं बचा पाएगी।

ये भी पढ़ें...फिर आगे बढ़ा चीन: सीमा पर युद्ध की ललकार, इस क्षेत्र में तैनात हुए चीनी सैनिक

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story