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हाफिज सईद पर पाकिस्तान का ये प्लान: FATF की बैठक के बाद लेगा बड़ा फैसला
पाकिस्तान एफएटीएफ की सुनवाई के बाद हाफिज सईद को रिहा कर सकता है। 16 फरवरी से पैरिस में एफएटीएफ की बैठक में तय होगा कि पाक ब्लैक लिस्ट में रहेगा या नहीं.
दिल्ली: पाकिस्तान के कोर्ट में भले ही आतंकी हाफिज सईद को फिलहाल के लिए दस साल की सजा सुना कर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की चेतावनी से बचने और ब्लैक लिस्ट से बाहर रहने का पैतरा अपनाया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान एफएटीएफ की सुनवाई के बाद हाफिज सईद को रिहा कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, हाफिज को गिरफ्तारी के लिए दिए आदेश में जानबूझकर ऐसी खामियां छोड़ी गईं, जिससे वह कभी भी रिहा हो सकता है।
कौन है हाफिज सईद:
हाफिज सईद भारत में 26/11 अटैक का मास्टरमाइंड है। हाफिज सईद के सहयोगियों हाफिज अब्दुल सलाम बिन मोहम्मद, मोहम्मद अशरफ और प्रोफेसर जफर इकबाल को भी आतंकवाद विरोधी कानून 1997 के तहत गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा टेरर फंडिंग में भी उसका नाम शामिल है। भारत समेत कई देशों में आतंकवादी हमले करवाने में शामिल हाफिज सईद दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकियों में शामिल है।
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पाकिस्तान की कोर्ट ने आतंकी सईद के खिलाफ की कार्रवाई:
आतंक को लेकर पाकिस्तान पर विश्व के कई देशों से लगातार दबाव में था। जिसके चलते 12 फरवरी को पाकिस्तान की लाहौर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए टेरर फंडिंग के आरोपी हाफिज सईद को 10 साल की सजा सुनाई है।
पाक की कार्रवाई पर उठे सवाल:
दरअसल, पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों पर मुकदमा चलाए जाने के बाद भी आरोपी नियमित तौर पर संदिग्ध कामों में संलिप्त रहते हैं। ऐसे में सईद के खिलाफ की गई कार्रवाई पर सवाल खड़े होते हैं। सूत्रों के मुताबिक़, पाकिस्तानी सेना आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण और धन मुहैया कराती है। और फिर उनका इस्तेमाल आने पड़ोसी देशों पर करती है।
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एफएटीएफ से बचने का नया पैतरा:
गौरतलब बात ये हैं कि पाकिस्तान की कोर्ट का हाफिज सईद के खिलाफ दिया गया फैसला एफएटीएफ की आगामी बैठक से पहले आया है। ऐसे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने ये कदम काली सूची में न जाने और विश्व के अन्य देशों के दबाव में उठाया है।
हाल ही में फाइनेंशियल एक्शन टास्कफोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान आतंकी फंडिंग रोकने में कारगर नहीं हुआ तो उसे ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में दाल दिया जाएगा।
16 फरवरी को एफएटीएफ की बैठक:
बता दें कि 16 फरवरी से पेरिस में एफएटीएफ की बैठक होनी है। जहां ये तय होगा कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर पाकिस्तान को आखिरकार ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए या नहीं।