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लड़की ने इमरान की खोली पोल, महिलाओं के साथ सैनिक कर रहे ऐसा काम
श में महिलाओ पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से इस्माइल पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया था।
इस्लामाबाद: राजद्रोह का आरोप लगने पर पाकिस्तान से भागी मानवाधिकार कार्यकर्ता का पता चल गया है। कार्यकर्ता का नाम गुलालाई इस्माइल है जो कि पाकिस्तान में महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाती थी। इस्माइल फिलहाल अमेरिका में हैं।
ये मुद्दा पाकिस्तान द्वारा किये जा रहे मानवाधिकारों उल्लंघन की पोल खोलने का एक और सबूत बनकर आया है। इस्माइल के ऊपर इस्लामाबाद में राजद्रोह का आरोप लगा था, जिसके बाद वो पाकिस्तान छोड़कर अमेरिका चली गईं।
सुरक्षाबलों के अत्याचारों को किया था उजागर-
बता दें कि इस्माइल ने पाकिस्तानी सुरक्षाबलों द्वारा किये जा रहे यौन शोषण को सामने लाने की कोशिश की थी। देश में महिलाओ पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से इस्माइल पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया था। वहीं इस्माइल की सुरक्षा को सुनिश्चित कराने के लए महिला कार्यकर्ताओं के समूह द्वारा पीएम इमरान खान को चिट्ठी लिखकर अपील भी की गई थी।
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यूएसए में राजनीतिक शरण के लिए किया आवेदन-
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 32 वर्षीय इस्माइल पाकिस्तान से पिछले महीने भागने में कामयाब रही और अब इस्माइल ब्रुकलिन में अपनी बहन की तरह रह रही हैं। वहीं इस्माइल ने राजनीतिक शरण के लिए यूएसए में आवेदन किया है। इस्माइल ने बताया कि मैंने किसी भी हवाई अड्डे से बाहर की उड़ान नहीं भरी है। साथ ही बताया कि इससे ज्यादा वो कुछ नहीं कर सकती क्योंकि पाकिस्तान से निकलना कईयों की जिन्दगी को मुसीबत में डाल सकता है।
इन मामलों को किया उजागर-
इस्माइल ने पाकिस्तान में महिलाओं के अधिकार के लिए आवाज उठाया, जिसमें यौन शोषण, गमशुदगी और अन्य कई मामलों मद्दों पर ध्यान दिया गया। साथ ही कहा गया कि वह और अन्य कई लोग भी देश के सुरक्षाबलों द्वारा प्रतिबद्ध है।
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देशद्रोह के आरोप गलत हैं- इस्माइल
इस्माइल ने कहा कि उनपर जो देशद्रोह के आरोप लगाए गए हैं वो एकदम गलत है। उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने देश की सेना द्वारा किया जा रहे अपराधों को उजागर करन की कोशिश की। वहीं न्यूयॉर्क के डेमोक्रेट सीनेटर चार्ल्स शूमर ने कहा कि इस्माइल के शरण के अनुरोध के समर्थन के लिए मैं सब कुछ करूंगा, क्योंकि उनका जीवन खतरे में पड़ गया है।
इमरान सरकार ने किया ब्लैकलिस्ट-
बता दें कि जब इमरान खान की सरकार बनी तब से इस्माइल की मुश्किलें शुरु हुई। इस्माइल पश्तून तहफ्फुज की कार्यकर्ता हैं और उन पर आतंकवाद निरोध कानूनों के तहत देशद्रोह का आरोप लगाए गये हैं। इस्माइल ने पिछले महीने ही फरिश्ता मोहम्मद की हत्या के मामले में अधिकारियों की भूमिका को सबके सामने लाने के लिए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। फरिश्ता मोहम्मद का शव इस्लामाबाद के वुडलैंड में मिला था और 27 मई को इमरान सरकार ने राज्य विरोध भाषणों के मामलो में इस्माइल को ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
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