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एक तानाशाह जिसने तस्करी की जासूसी की और मनी लॉन्डरिंग भी
तानाशाहों की बात हो और पनामा के पूर्व तानाशाह मैनुएल एंटोनियो नोरिएगा की बात ना हो ऐसा हो नहीं सकता। नोरिएगा की मौत 29 मई 2019 को 83 वर्ष की आयु में हुई।
पनामा सिटी: तानाशाहों की बात हो और पनामा के पूर्व तानाशाह मैनुएल एंटोनियो नोरिएगा की बात ना हो ऐसा हो नहीं सकता। नोरिएगा की मौत 29 मई 2019 को 83 वर्ष की आयु में हुई। नोरिएगा ने 1983 से 1989 तक देश में शासन किया, जिसके बाद अमेरिका ने पनामा पर धावा बोलकर इन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया।
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कहानी है फ़िल्मी
इस तानाशाह को ‘डी फैक्टो लीडर’ कहा जाता था। जिसका अर्थ होता है बिना औपचारिक एलान के स्वीकार किया गया नेता। जनाब, सीआईए के लिए जासूसी किया करते थे। साल 1983 में आर्मी चीफ बन गए। इसपर भी मन नहीं भरा तो ड्रग तस्करी करने लगे, ये इतना जालिम था कि इसे मौत देखने में मजा आता था, सत्ता के लिए कई क़त्ल अंजाम दिए । जुल्म जब हद से बड़ा हो गया, तो अमेरिका ने हमला किया और पनामा कैनाल जेल में डाल दिया।
दिसंबर 1989 में अमेरिकी हमले के बाद एंटोनियो की सरकार गिरी। 1990 में इसने सरेंडर किया। एंटोनियो पर ड्रग तस्करी और मनी लॉन्डरिंग के आरोप थे। अमेरिका में उसे सजा सुनाई गयी।
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इसके बाद एंटोनियो को 2010 में फ्रांस भेजा गया, जहां उसपर मनी लॉन्डरिंग का मामला चला और उसके बाद। इसी साल उसे पनामा को सौंप दिया गया। यहां 1985 के और 1989 में हुई हत्या के मामले में एंटोनियो को जेल भेज दिया गया।
आपको जानकार हैरत होगी कि अमेरिका ने एंटोनियो को तलाशने के लिए 28 हजार सैनिकों को पनामा सिटी में उतारा था, जिन्होंने हर एक घर की तलाशी ली तब जाकर वो पकड़ में आया।