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ऐसा शक्तिशाली नेता: लड़कियों को किया यौन संक्रमित, दांत देख भाग लेते लोग
चीन के शासक माओ को दांतों की साफ-सफाई से कोई लेना-देना नहीं था। वे लगातार पहले अपने डॉक्टरों और फिर अपने कार्यकर्ताओं के बीच भी ये बताया करते थे।
नई दिल्ली। महामारी कोरोना वायरस में विशेषज्ञों द्वारा हाथों को साथ-सुथरा रखने, मुंह के हाईजीन का ध्यान रखने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में दुनिया में कुछ लोग इस प्रकृति के भी हैं, जिन्हें हाइजीन से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे ही लोगों में से चीन के एक अनोखे शासक थे। जिनका नाम माओ जेडोंग। इन्हें माओत्सेतुंग के नाम से भी जाना जाता है। शासक माओ के फिजिशियन और बहुत नजदीकी रहे ली जीसूई ने अपनी किताब The Private Life of Chairman Mao में माओ के बेढ़ंगे-अजीबोगरीब रहनसहन के बारे में बताया है।
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काली-हरी गंदगी जमी हुई थी
चीन के शासक माओ को दांतों की साफ-सफाई से कोई लेना-देना नहीं था। वे लगातार पहले अपने डॉक्टरों और फिर अपने कार्यकर्ताओं के बीच भी ये बताया करते थे। उनका कहना था कि वो रोज सुबह उठकर गर्म चाय से दांत साफ करते हैं।
शासक के बारे में डॉक्टर ली जीसूई ने अपनी किताब में लिखा है कि चाय से दांत साफ करने का तरीका खास बढ़िया नहीं था। इसका रिजल्ट माओ के दांतों पर दिखा। उनके दांतों पर काली-हरी गंदगी जमी हुई थी और जल्दी ही उनके मसूड़े सड़ने लगे और उनमें मवाद बनने लगा।
नहाने से भी सख्त नफरत
हालांकि तब भी माओ ने डॉक्टरों की सलाह मानने से मना कर दिया। उनका कहना था कि शेर मुंह नहीं धोता इसलिए उसके दांत इतने नुकीले होते हैं।
चीन के इस नेता को नहाने से भी सख्त नफरत थी। मतलब की बोला जाए तो इस शासक को हाईजीन से कोई लेना-देना नहीं था। वैसे ये बात और है कि स्विमिंग माओ का शौक था और वे स्विमिंग में ठीक भी थे।
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साथ ही ये भी माना जाता है कि खेतों और जंगलों के बीच पले माओ को टॉयलेट का उपयोग करने से भी परहेज करते थे। वे इसके लिए जंगलों में जाया करते और इसके साथ में बॉडीगार्ड होते थे।
इन बेमतलब की आदतों के साथ माओ को उनकी रंगीनमिजाजी के लिए भी जाना जाता है। नॉर्थ कोरिया के तानाशाहों के हरम की तर्ज पर माओ भी जहां जाते थे, अपने साथ युवा लड़कियों का डांस ग्रुप ले जाते। उस समय इसे Cultural Work Troupe कहा जाता था, जिसका काम था माओ के साथ नृत्य करना।
वहीं इनका नृत्य खत्म होते-होते माओ ग्रुप में से किसी एक को चुनकर अपने साथ अपने बेडरूम में ले जाया करते। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ माओ में औरतें के साथ की इच्छा और बढ़ती चली गई और वे उनसे घिरे रहने लगे। चीनी कहावत के मुताबिक वे मानते थे कि ऐसा करने पर उनका पौरुष लौट आएगा।
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कभी किसी ने खुलकर विरोध नहीं किया
हालांकि माओ का डॉक्टरों ने उन्हें चेताता भी था लेकिन उन्होंने ये जारी रखा। माओ के साथ रह चुकी बहुत सी युवतियों को यौन रोग हो गया जो कि उन्हें माओं से हुआ था लेकिन युवतियों के लिए ये badge of honor था और कभी किसी ने खुलकर विरोध नहीं किया।
वैसे विरोध न करने की एक साफ और असल वजह ये भी हो सकती है कि माओ उस दौर में चीन का सबसे शक्तिशाली शख्स था, जिसके बारे में कुछ भी कहना जान गंवा देना था। इसके चलते युवतियां क्या कोई कुछ नहीं बोल पाता था।
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