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Quran Burnt In Sweden: स्वीडन में जलाई गई कुरान, अब तुर्की और भी भड़केगा
Quran Burnt In Sweden: स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की केंद्रीय मस्जिद के बाहर कुरान फाड़ने और जलाने की घटना हुई है। हालांकि इसका ऐलान पहले ही कर दिया गया था और स्वीडिश पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी।
Quran Burnt In Sweden: स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की केंद्रीय मस्जिद के बाहर कुरान फाड़ने और जलाने की घटना हुई है। हालांकि इसका ऐलान पहले ही कर दिया गया था और स्वीडिश पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी।
हुआ ये कि मस्जिद के बाहर दो प्रदर्शनकारियों में से एक ने कुरान की एक प्रति के पन्ने फाड़ दिए और किताब को आग लगा दी। इस दौरान दूसरा व्यक्ति मेगाफोन पर कुछ बोलता रहा। इस दौरान 200 लोगों की भीड़ मौजूद थी। उपस्थित लोगों में से कुछ ने जलाने के विरोध में अरबी में "अल्ला हु अकबर" चिल्लाया, और एक व्यक्ति को पत्थर फेंकने का प्रयास करने के बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
टर्की नाराज
स्वीडन में इस्लाम के खिलाफ और कुर्द अधिकारों के लिए प्रदर्शनों से तुर्की काफी नाराज है। स्वीडन नाटो में शामिल होने के लिए कोशिश कर रहा है, और इसके लिए उसे तुर्की के समर्थन की जरूरत है। पिछले साल यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वीडन ने नाटो की सदस्यता मांगी थी। लेकिन गठबंधन के सदस्य तुर्की ने इस प्रक्रिया को रोक दिया है, उसने स्वीडन पर उन लोगों को शरण देने का आरोप लगाया है जिन्हें वह आतंकवादी मानता है और उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है।
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तुर्की ने की निंदा
स्वीडन में कुरान जलाये जाने की तुर्की ने निंदा की है। तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फ़िदान ने एक ट्वीट में कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस्लाम विरोधी विरोध प्रदर्शन की अनुमति देना अस्वीकार्य है।
उधर अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने दैनिक ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि धार्मिक ग्रंथों को जलाना "अपमानजनक और दुखद" है। प्रवक्ता ने कहा, "यह कानूनी हो सकता है लेकिन निश्चित रूप से उचित नहीं है।" प्रवक्ता ने साथ ही तुर्की और हंगरी से बिना किसी देरी के स्वीडन के नाटो मेम्बरशिप प्रोटोकॉल की पुष्टि करने का आग्रह किया।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
स्वीडिश पुलिस ने कुरान विरोधी प्रदर्शनों के लिए कई हालिया आवेदनों को खारिज कर दिया लेकिन अदालतों ने पुलिस के उन फैसलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करते हैं।
स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने कहा, "यह कानूनी है लेकिन उचित नहीं है।" उन्होंने कहा कि कुरान जलाने पर निर्णय लेना पुलिस पर निर्भर है।
मस्जिद के निदेशक और इमाम महमूद खल्फी ने कहा कि ईद अल-अधा के मुस्लिम अवकाश पर विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने के पुलिस के फैसले से मस्जिद के प्रतिनिधि निराश हैं।खाल्फी ने एक बयान में कहा, "मस्जिद ने पुलिस को कम से कम प्रदर्शन को किसी अन्य स्थान पर करने का सुझाव दिया, जो कानून द्वारा संभव है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया।"