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पत्रकार की हत्या में फंसे प्रिंस बिन सलमान, अमेरिका की रिपोर्ट में सामने आई सच्चाई
अमेरिकी इंटेलिजेंस टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी राजकुमार बिन सलमान ने सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी को पकड़ने या मारने के लिए इस्तांबुल (तुर्की) में एक ऑपरेशन को मंजूरी दी थी।
नई दिल्ली: सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं। खशोगी वाशिंगटन पोस्ट अखबार के लिए लिखते थे। उन्हें अक्टूबर 2018 में इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में लालच देकर बुलाया गया था, फिर उनकी हत्या कर लाश को टुकड़ों में काट दिया गया था।
अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बिडेन ने खशोगी की हत्या पर एक ख़ुफ़िया जांच रिपोर्ट को सार्वजानिक किया है जिसमें बताया गया है कि सऊदी अरब के राजकुमार ने ही जमाल खशोगी की हत्या की मंजूरी दी थी। अमेरिकी रिपोर्ट में पत्रकार को दी गयी यातना के बारे में खुलासा किया गया है।
क्या कहा गया है कि इस रिपोर्ट में
अमेरिकी इंटेलिजेंस टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी राजकुमार बिन सलमान ने सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी को पकड़ने या मारने के लिए इस्तांबुल (तुर्की) में एक ऑपरेशन को मंजूरी दी थी। प्रिंस मोहम्मद के प्रभाव को देखते हुए, यह इस बात की संभावना नहीं थी कि 2018 में की गई हत्या उनकी मंजूरी के बिना हो सकती थी। रिपोर्ट में कहा गया है, यह हत्या ‘विदेश में मौन असंतुष्टों के लिए हिंसक उपायों का उपयोग करने के लिए राजकुमार के समर्थन के एक पैटर्न पर भी फिट बैठती है।
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मोहम्मद बिन सलमान ने आरोप को किया खारिज
स्वाभाविक है कि अभी तक मोहम्मद बिन सलमान इस बात से इनकार करते रहे हैं कि उन्होंने जमाल खशोगी की हत्या के आदेश दिए थे। बहरहाल, इस रिपोर्ट के बाद बिडेन प्रशासन ने इस हत्या से जुड़े लोगों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इसके साथ बिडेन प्रशासन ने खशोगी की हत्या के जिम्मेदारी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया है। कुल 76 अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाया गया है। इन पर विदेशों में लोगों को धमकाने का आरोप है। विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने इन अफसरों पर वीजा प्रतिबंध लगाने का एलान किया। हालांकि प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
(फोटो- सोशल मीडिया)
रिपोर्ट से देशों में खटास होने की संभावना
माना जा रहा है कि अमेरिकी रिपोर्ट और प्रतिबंधों से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है और अंतरराष्ट्रीय आक्रोश भी फैल सकता है। अमेरिका ने दुनिया को यह बताने का संकल्प लिया है कि सऊदी मूल के अमेरिकी पत्रकार की हत्या के पीछे सऊदी राजकुमार की क्या भूमिका रही है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद बिडेन प्रशासन पर सऊदी राजघराने को हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराने का दबाव बढ़ सकता है। खशोगी की मौत के बाद अमेरिका में दोनों राजनीतिक पार्टियों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुस्सा जाहिर किया गया था।
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बिडेन और प्रिंस की वार्ता के बाद ही आई रिपोर्ट
ये रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने सऊदी प्रिंस से शिष्टाचार वार्ता की थी। बिडेन ने सऊदी शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद से फोन पर बात भी की। दोनों नेताओं के बीच हुई इस फोन वार्ता में क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। बिडेन ने दोहराया कि अमेरिका वैश्विक मानवाधिकारों और कानून के शासन को अहमियत देता है।
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति बिडेन ने क्षेत्रीय सुरक्षा और यमन में युद्ध को खत्म करने के लिए नए सिरे से अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के प्रयास पर चर्चा की है। इस दौरान बिडेन ने कई सऊदी अमेरिकी कार्यकर्ताओं और महिला कार्यकर्ता अल-हाथलोल को रिहा करने पर प्रसन्नता जाहिर की।
सऊदी का बचाव करता रहेगा अमेरिका
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी से जब पत्रकारों ने पूछा कि यह खुफिया रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अमेरिका-सऊदी रिश्ते किस तरह से प्रभावित करेगी? तो उन्होंने कहा, ये दस्तावेज मानवाधिकारों के हनन और बोलने की आजादी की कमी के बारे में बताएंगे। उन्होंने कहा, हमारा सऊदी अरब से लंबा रिश्ता है और अमेरिका क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ सऊदी अरब का बचाव करना जारी रखेगा।
नीलमणि लाल
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