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धरती के तेज गति से बड़ी आफत की चेतावनी, वैज्ञानिक भी हैं परेशान
वैज्ञानिक परेशान है कि इसे किस तरह से मैनेज किया जाए। इस वक्त धरती सामान्य गति से तेज गति से चल रही है। 24 घंटे से पहले धरती अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा कर रही है। बता दें, धरती में तेजी से ये परिवर्तन बीते साल के मध्य में आया था।
नई दिल्ली: बीते 50 सालों से धरती किसी भी समय की अपेक्षा बहुत तेजी से घूम रही है। ऐसे में अब वैज्ञानिक परेशान है कि इसे किस तरह से मैनेज किया जाए। इस वक्त धरती सामान्य गति से तेज गति से चल रही है। 24 घंटे से पहले धरती अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा कर रही है। बता दें, धरती में तेजी से ये परिवर्तन बीते साल के मध्य में आया था। चलिए आपको बताते हैं कि धरती किस लिए कितनी तेज गति से घूम रही है और इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
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सभी देशों का समय बदल जाता
एक दिन यानी 24 घंटे में धरती अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाती है। हालाकिं बीते साल जून के महीने से लेकर अभी तक धरती अपनी धुरी पर अधिक तेजी से घूम रही है। जिसकी वजह से धरती पर उपस्थित सभी देशों का समय बदल जाता है।
वैज्ञानिक को अपनी-अपनी जगहों पर उपस्थित एटॉमिक क्लॉक का समय बदलना पड़ेगा। मतलब इस बार साइंटिस्ट्स को निगेटिव लीप सेकेंड अपनी-अपनी घड़ियों में जोड़ना पड़ेगा। साल 1970 से अब तक कुल मिलाकर 27 लीप सेकेंड जोड़े जा चुके हैं।
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24 घंटे के समय से ज्यादा समय
ऐसे में सूत्रों से सामने आई खबर के मुताबिक, बीते कई दशकों से धरती 24 घंटे के समय से ज्यादा समय लेकर अपनी धुरी पर घूम रही थी, पर बीते साल जून से 24 घंटे से कम समय में एक चक्कर लगा रही है। वहीं धरती इस समय 24 घंटे में 0.5 मिलीसेकेंड कम समय लेकर घूम रही है। मतलब हमारे 1 दिन में 0.5 मिलीसेकेंड कम हो चुके हैं।
बीते 50 सालों से धरती के घूमने का एकदम सही आकंड़ा निकाला जा रहा है। 24 घंटे में 86,400 सेकेंड्स होते हैं। यानी इतने सेकेंड में हमारी धरती एक चक्कर पूरा करती है। हालाकिं बीते साल जून से 86,400 सेकेंड में 0.5 मिलीसेकेंड की कमी आ गई है। 19 जुलाई 2020 का दिन 24 घंटे से 1.4602 मिलीसेकेंड कम था।
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