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चुटकी में भागेगा कोरोना: वैज्ञानिकों का दावा- कोलेस्ट्रॉल की दवा से संभव है इलाज

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा से भी कोरोना वायरस का इलाज संभव हो सकता है। वैज्ञानिकों ने स्टडी के बाद यह दावा किया है।

Shreya
Published on: 20 July 2020 11:57 AM GMT
चुटकी में भागेगा कोरोना: वैज्ञानिकों का दावा- कोलेस्ट्रॉल की दवा से संभव है इलाज
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नई दिल्ली: चीन से फैले कोरोना वायरस ने पूरी तरह से दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। महामारी को जल्द खत्म करने के लिए दुनियाभर के तमाम देश के वैज्ञानिक वैक्सीन और दवा की खोज में लगे हुए हैं। इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। वहीं अब इस बीच वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा से भी कोरोना वायरस का इलाज संभव हो सकता है। वैज्ञानिकों ने स्टडी के बाद यह दावा किया है।

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कोलेस्ट्रॉल की दवा से कोरोना का इलाज संभव

यरुशलम की हिब्रू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर याकोव नहमियास और न्यूयॉर्क इकाहन स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. बेंजामिन टेनओवर ने स्टडी के बाद कहा है कि कोलेस्ट्रॉल की दवा से भी कोरोना का इलाज संभव है। ये दोनों वैज्ञानिक बीते तीन महीने से कोरोना की दवा को लेकर अध्ययन कर रहे थे। वहीं इस स्टडी के दौरान कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा Fenofibrate से काफी अच्छे नतीजे सामने आए हैं।

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कार्बोहाइड्रेट के रुटीन बर्निंग को रोक देते हैं कोरोना

प्रोफेसर याकोव नहमियास और डॉ. बेंजामिन टेनओवर ने स्टडी के दौरान इस चीज पर फोकस किया था कि कोरोना वायरस किस तरह से मरीज के फेफड़ों पर प्रभाव डालते हैं। इस दौरान वैज्ञानिकों को पता चला कि कोरोना कार्बोहाइड्रेट के रुटीन बर्निंग को रोक देते हैं। जिस वजह से काफी ज्यादा फैट (वसा) फेफड़ों के सेल में जमा हो जाता है।

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इस तरह वायरस पर दवा करेगा असर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों वैज्ञानिकों का कहना है कि इस स्टडी से यह जानने में सहायता मिलेगी कि हाई ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल वाले कोरोना पेशेंट क्यों हाई रिस्क कैटेगरी में चले जाते हैं। स्टडी के मुताबिक, कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा Fenofibrate के उपयोग से फेफड़ों के सेल्स अधिक फैट बर्न करते हैं, जिसके चलते वायरस कमजोर पड़ जाता है। साथ ही खुद को रिप्रोड्यूस नहीं कर पाता है। स्टडी के दौरान, केवल पांच दिन के ट्रीटमेंट के बाद कोरोना खत्म हो गया।

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