TRENDING TAGS :
भीड़ में कैसे फैलता है कोरोना? ये पता लगाने के लिए यहां जुटाई गई हजारों की भीड़
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है। इससे निपटने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक दिन –रात शोध करने में जुटे हुए हैं। भीड़ में कोरोना वायरस किस तरह फैल सकता है, इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने जर्मनी में एक कंसर्ट का आयोजन किया।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है। इससे निपटने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक दिन –रात शोध करने में जुटे हुए हैं। भीड़ में कोरोना वायरस किस तरह फैल सकता है, इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने जर्मनी में एक कंसर्ट का आयोजन किया।
जो जर्मनी के लिपजिग शहर में आयोजित की गई थी। शनिवार को रिस्टार्ट-19 नाम से इन्डोर कंसर्ट हुआ, जिसमें तकरीबन 1500 लोगों ने भाग लिया। इस कन्सर्ट में जर्मन सिंगर टिम बेन्जको ने परफार्म किया।
ये भी पढ़ेंः भारत को एलएसी में कोई बदलाव मंजूर नहीं, चीन को मुंहतोड़ जवाब देगी सेना
ये कन्सर्ट जर्मनी की यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल हैले की ओर से आयोजित किया गया था। जो तीन अलग-अलग चरणों में आयोजित किए गए। पहली स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया और आने-जाने के लिए सिर्फ दो ही दरवाजे तय किए गए। दूसरी स्थिति में लोगों की एंट्री के लिए आठ दरवाजे तय किए गए और हर दूसरी सीट ब्लॉक कर दी गई।
वैज्ञानिकों ने तीसरी स्थिति में भी कंसर्ट आयोजित किया। इस दौरान 12 हजार क्षमता वाले स्टेडियम में काफी कम लोगों को बुलाया गया और उन्हें 5 फीट की दूरी पर बैठने को कहा गया। इस पूरे आयोजन पर 8 करोड़ 74 लाख रुपये का खर्च आया जिसे स्थानीय सरकार चुका रही है। वैज्ञानिक अपनी इस स्टडी का रिजल्ट 4 से 6 हफ्ते में जारी कर सकते हैं।
कार्यक्रम में भाग ले रहे वॉलंटियर्स की एंटी के वक्त तापमान की जांच की गई और बीते 48 घंटे के दौरान उनका कोरोना टेस्ट भी कराया गया था। कन्सर्ट में शामिल होने वाले लोगों का टेस्ट में निगेटिव आना जरूरी था।
कोरोना वायरस की जांच करते डॉक्टर की फोटो
भी पढ़ेंः दाऊद आएगा भारत: पाकिस्तान से लाएगी मोदी सरकार, पूरा होगा वादा
18 से 50 साल के लोगों को किया गया था शामिल
वैज्ञानिको का पूरा जोर इस बात का पता लगाने में है कि भीड़ से कोरोना कैसे फैल सकता है, ताकि भविष्य में किसी बड़े इवेंट के दौरान उचित तैयारी की जा सके।
कंसर्ट में शामिल होने वाले लोगों को मास्क भी पहनने को कहा गया और उन्हें गर्दन में पहनने के लिए एक डिवाइस भी दी गई। इस डिवाइस के जरिए वैज्ञानिकों को हर 5 सेकंड में ये जानकारी मिलती रही कि व्यक्ति स्टेडियम में कहां पर है और किस रास्ते से आ-जा रहा है।
इस दौरान शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाने की कोशिश की कि स्टेडियम में किन जगहों को लोग सबसे अधिक छूते हैं। कंसर्ट में सिर्फ 18 से 50 साल के लोगों को शामिल किया गया था।
यह भी पढ़ें…तबाही बनी बारिश: डूब गया ये फेमस म्यूजियम, बच गयी 2400 साल पुरानी ममी
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें