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अरुणाचल पहुँचे गृहमंत्री शाह, चीन को लगी मिर्ची, कही ये बड़ी बात

चीन ने गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर जताया अपना विरोध है। अरुणाचल प्रदेश के स्थापना दिवस पर पहुँचे थे शाह ।

Aradhya Tripathi
Published on: 20 Feb 2020 4:16 PM IST
अरुणाचल पहुँचे गृहमंत्री शाह, चीन को लगी मिर्ची, कही ये बड़ी बात
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भारत के प्रति चीन के रुख से हर कोई भली भाँति वाकिफ़ है। अब एक बार फिर चीन ने भारत के विषय में अपनी आपत्ति जताई है। चीन ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर अब अपना विरोध जताया है। अरुणाचल प्रदेश के स्थापना दिवस पर पहँचे थे शाह ।

चीन ने अरुणाचल को बताया अपनी संप्रभुता वाला क्षेत्र

चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 34वें स्थापना दिवस के अवसर गृह मंत्री अमित शाह की राज्य की यात्रा पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अमित शाह की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा बीजिंग की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन है। यह यात्रा आपसी राजनीतिक विश्वास पर प्रहार करती है। चीन ने कहा कि वह अमित शाह की यात्रा का ‘दृढ़ता से विरोध’करता है। यात्रा के दौरान शाह ने उद्योग और सड़कों से जुड़ी कई परियानाओं का शुभारंभ भी किया।

आपसी राजनीतिक विश्वास पर प्रहार

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चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है। वह भारत के किसी भी नेता की इस पूर्वोत्तर राज्य की यात्रा पर आपत्ति जताता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा, 'चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से के बारे में या चीन के तिब्बत क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से के बारे में चीन की राय बिल्कुल स्पष्ट और अपरिवर्तित है।'

उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी। चीन ऐसी सभी यात्राओं का विरोध करता है क्योंकि इस यात्रा ने सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिरता को कमतर किया है और आपसी राजनीतिक विश्वास पर प्रहार किया है। इससे प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन हुआ है।

अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग

चीन के विरोध का जवाब देते हुए भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग है। भारत की ओर से कहा गया कि गृहमंत्री का कार्यक्रम भारत सरकार का कार्यक्रम है। कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय सांसद जो कि भारत सरकार में मंत्री हैं वो भी शामिल हुए. ऐसे कार्यक्रम पहले भी होते रहे हैं जिसमें इस स्तर की सरकारी हिस्सेदारी होती है।

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ग्यात है कि 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा तक भारत-चीन सीमा विवाद है.



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